एलॉन मस्क की Starlink को भारत में सैटकॉम सर्विसेज के लिए लाइसेंस मिला, Jio और OneWeb को मिलेगी टक्कर

Starlink दूरसंचार विभाग से सैटकॉम सर्विसेज के लिए लाइसेंस हासिल करने वाली तीसरी कंपनी है। इससे पहले, केवल एयरटेल के निवेश वाली Eutelsat OneWeb और जियो सैटेलाइट कम्युनिकेशंस के पास ही इस तरह के लाइसेंस थे। Starlink पिछले 3 से 4 सालों से इस लाइसेंस का इंतजार कर रही थी

अपडेटेड Jun 06, 2025 पर 5:00 PM
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लाइसेंस मिलने के बाद अब स्टारलिंक को आवेदन करने के 15-20 दिनों के अंदर ट्रायल स्पेक्ट्रम प्रदान किया जाएगा।

अमेरिका के अरबपति उद्योगपति एलॉन मस्क (Elon Musk) की स्टारलिंक (Starlink) को भारत में उपग्रह संचार (सैटकॉम) सेवाओं के लिए लाइसेंस मिल गया है। न्यूज एजेंसी पीटीआई और रॉयटर्स की एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से यह बात कही गई है। स्टारलिंक दूरसंचार विभाग से लाइसेंस हासिल करने वाली तीसरी कंपनी है। इससे पहले, केवल एयरटेल के निवेश वाली Eutelsat OneWeb और जियो सैटेलाइट कम्युनिकेशंस के पास ही इस तरह के लाइसेंस थे।

पीटीआई के मुताबिक, लाइसेंस मिलने के बाद अब स्टारलिंक को आवेदन करने के 15-20 दिनों के अंदर ट्रायल स्पेक्ट्रम प्रदान किया जाएगा। कंपनी पिछले 3 से 4 सालों से इस लाइसेंस का इंतजार कर रही थी। लाइसेंस मिलने के बाद अब स्टारलिंक जल्द ही भारत में हाई-स्पीड सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सेवाओं को लॉन्च कर सकती है। स्टारलिंक को पिछले महीने 7 मई को लेटर ऑफ इंटेंट जारी होने के बाद 7 जून तक अनुपालन पूरा करने का समय दिया गया था।

अभी बहुत काम करना है बाकी


सरकार ने SpaceX की स्टारलिंक की गहन जांच की है, जिसमें कानून प्रवर्तन इंटरसेप्शन क्षमताओं को लागू करने और एक स्थानीय कमांड एंड कंट्रोल सेंटर स्थापित करने जैसे कड़े सुरक्षा उपायों को अनिवार्य किया गया है। एक दिन पहले मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट में एक अधिकारी ने का था, 'उन्हें (स्टारलिंक) अभी भी कई प्रोसेस पूरे करने होंगे, जिसमें गेटवे स्थापित करना, एक नेटवर्क ऑपरेशंस सेंटर स्थापित करना, और कानूनी इंटरसेप्शन क्षमताओं को सुनिश्चित करना शामिल है। भारत में कमर्शियली उपग्रह संचार सेवाएं शुरू करने में उन्हें कम से कम नौ महीने लगेंगे।' बता दें कि, स्टारलिंक भारत में तीन गेटवे बनाने की योजना बना रही है।

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एमेजॉन कुइपर को करना होगा अभी और इंतजार

स्टारलिंक की एक और प्रतिद्वंद्वी एमेजॉन कुइपर को भारत में सैटकॉम सर्विसेज के लिए लाइसेंस के लिए लंबा इंतजार करना होगा, क्योंकि उसका लेटर ऑफ इंटेंट आवेदन अभी भी प्रोसेस में है। कंपनी ने फरवरी में दूरसंचार विभाग को एक लेटर लिखकर अपने आवेदन पर अपडेट मांगा था, जिसमें सभी शर्तों को पूरा करने की बात कही गई थी। कुइपर भारत में महत्वपूर्ण सैटकॉम क्षमता स्थापित करने की तैयारी में है, जिसमें 10 गेटवे और मुंबई और चेन्नई में दो पॉइंट ऑफ प्रेजेंस का प्लान है।

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