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कनाडा मंदिर में 'हिंसक बयानबाजी' के लिए निलंबित हिंदू पुजारी फिर बहाल, "बटोगे तो कटोगे" पर हो गए थे सस्पेंड

Brampton Temple Attack: कनाडा के ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर ने उस पुजारी को निलंबित कर दिया था, जिसने दिवाली पर भक्तों पर खालिस्तानी भीड़ द्वारा किए गए हमले के बाद हिंदुओं को एकजुट होने का आह्वान करते हुए एक जोरदार भाषण दिया था। हालांकि, समीक्षा के बाद मंदिर संगठन ने दो दिन बाद उस पुजारी को बहाल कर दिया है

अपडेटेड Nov 08, 2024 पर 6:01 PM
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Brampton Temple Attack: पुजारी ने अपने समुदाय के सदस्यों को "बटोगे तो कटोगे" नारे के साथ चेतावनी दी थी

Brampton Temple Attack News: कनाडा के ब्रैम्पटन में जिस हिंदू मंदिर के पुजारी को "हिंसक बयानबाजी" के लिए निलंबित किया गया था, उनको उनके पद पर फिर से बहाल कर दिया गया है। पुजारी की पहचान राजेंद्र प्रसाद के रूप में हुई है। उन्होंने हिंदुओं को एकजुट होने का आह्वान करते हुए एक जोरदार भाषण दिया था। साथ ही हिंदू समुदाय के सदस्यों को चेतावनी दी थी कि "बटोगे तो कटोगे...।" कनाडा के ब्रैम्पटन शहर में स्थित हिंदू मंदिर के पुजारी को हाल ही में खालिस्तानी झंडे लिए प्रदर्शनकारियों और वहां मौजूद लोगों के बीच हुई झड़पों के दौरान कथित हिंसक बयानबाजी करने के आरोप में निलंबित कर दिया गया था।

हिंदू कनाडाई फाउंडेशन ने X पर एक पोस्ट में कहा, "राजेंद्र प्रसाद को मंदिर के पुजारी के रूप में बहाल कर दिया गया है। उन्हें किसी भी गलत काम से मुक्त कर दिया गया है। मौजूदा स्थिति हिंदू कनाडाई लोगों और हिंदू समुदाय को बदनाम करने के लिए डिजाइन किए गए एक पारिस्थितिकी तंत्र को उजागर करती है।"

संगठन ने ब्रैम्पटन के मेयर पैट्रिक ब्राउन की आलोचना करते हुए कहा, "पैट्रिक ब्राउन इस मामले में आपकी भूमिका संदिग्ध प्रतीत होती है, क्योंकि आपने बिना सबूत या उचित जांच के अपने आधिकारिक खाते पर पोस्ट करके एक व्यक्ति की प्रतिष्ठा को धूमिल किया है। हिंदू कनाडाई और ब्रैम्पटन में हिंदू स्पष्ट स्पष्टीकरण की मांग कर रहे हैं।"


3 नवंबर को किया गया था निलंबित

हिंदू पुजारी को 3 नवंबर को हिंदू सभा मंदिर में हुई एक घटना के बाद निलंबित कर दिया गया था। दरअसल, ब्रैम्पटन में तीन नवंबर को हिंदू सभा मंदिर में विरोध प्रदर्शन हुआ था। सोशल मीडिया पर वायरल कुछ वीडियो में प्रदर्शनकारी खालिस्तान समर्थक बैनर लिए हुए थे। वीडियो में लोगों के बीच हाथापाई और मंदिर के आस-पास के मैदान में एक-दूसरे पर डंडे से वार करते हुए दिखाया गया।

खालिस्तानी झंडे लेकर आए प्रदर्शनकारियों की लोगों के साथ झड़प हुई और उन्होंने मंदिर प्राधिकारियों और भारतीय वाणिज्य दूतावास द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित वाणिज्य दूतावास के एक कार्यक्रम में भी बाधा पहुंचाई। 'कनाडाई ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन' की एक रिपोर्ट के अनुसार बुधवार को हिंदू सभा मंदिर की ओर से एक बयान जारी कर कहा गया कि रविवार को प्रदर्शनकारियों के साथ पुजारी की 'विवादास्पद संलिप्तता' के कारण उसे निलंबन किया गया है।

हालांकि बयान में इस संबंध में विस्तृत जानकारी नहीं दी गई। ब्रैम्पटन के मेयर पैट्रिक ब्राउन ने कहा कि पुजारी ने 'हिंसक बयानबाजी' की। ब्राउन ने पोस्ट में कहा कि अधिकांश सिख कनाडाई और हिंदू कनाडाई सद्भावना से रहना चाहते हैं। वे हिंसा बर्दाश्त नहीं करते। हिंदू सभा मंदिर के अध्यक्ष मधुसूदन लामा ने हिंसक बयानबाजी करने वाले पंडित को निलंबित कर दिया है।

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बयान में कहा गया कि ओंटारियो सिख और गुरुद्वारा परिषद ने हिंदू सभा में हुई हिंसा की निंदा की है। प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने इस घटना की निंदा की थी। उन्होंने कहा था कि प्रत्येक कनाडाई को अपने धर्म का स्वतंत्र तरीके से और सुरक्षित माहौल में पालन करने का अधिकार है।

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