China And Afghanistan : भारत के पड़ोसी देश अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार आने के बाद से ही चीन वहां पांव पसारने की लगातार कोशिश कर रहा है। ड्रैगन ने अब भारत के सबसे अच्छे दोस्तों में से एक अफगानिस्तान को अपने जाल में फंसाने के लिए एक नई चाल चली है। चीन ने पहले अफागानिस्तान को आर्थिक मदद देने का वादा किया और इस वादे की आड़ में ही ड्रैगन ने अफगानिस्तान के कई प्राकृतिक संसाधनों के सौदे कर डाले। यही नहीं चीनी नागरिकों को बहुत चालाकी से ड्रैगन, अफगानिस्तान की नागरिकता भी दिला रहा है। इनसबके बीच चीन ने अब एक और चाल चली है।
बीते रविवार को अपनी एक नई चाल के मुताबिक चीन ने अपने राजदूत को काबुल में अफगान सरकार के उप प्रधानमंत्री अब्दुल सलाम हनाफी से मुलाकात करवाई है। इस मुलाकात में चीनी राजदूत ने पाकिस्तान और ईरान की खूब अलोचना की। चीनी राजदूत ने पाकिस्तान और ईरान से अफगानी नागरिकों को जबरदस्ती बाहर निकाले जाने की आलोचना की। चीनी राजदूत ने मुलाकात के दौरान कहा कि पाकिस्तान और ईरान सालों से अफगानियों को अपने देश से जबरदस्ती बाहर निकाल रहे हैं और इसके कारण अफगानिस्तान को अपने खर्चों के साथ इन लोगों का भी ध्यान रखना पड़ रहा है और ऐसा करने से उसपर आर्थिक रूप से दबाव का सामना भी करना पड़ा रहा है। चीनी राजदूत ने इसके बाद पासा फेंकते हुए कहा कि चीन संकट की हर घड़ी में अफगानिस्तान के साथ खड़ा है। अफगानिस्तान में जितने भी अफगानी नागरिक ईरान और पाकिस्तान से निष्कासित होकर आएंगे। वह उन सबके लिए आश्रय स्थल बना कर देगा इसके पीछे चीन का करोड़ों रुपया लगेगा।
अफगानियों के लिए उठाया ये कदम
चीन ने अफगानिस्तान को यह आश्वासन दिया कि वह अफगान नागरिकों को आश्रय देने के लिए तैयार है, जो पाकिस्तान और ईरान से निष्कासित होकर अफगानिस्तान आ रहे हैं। इसके लिए चीन भारी निवेश करने को तैयार है। चीनी राजदूत ने तालिबान सरकार से कहा कि वह अपनी सरकार से विचार कर के चीन को सीमावर्ती क्षेत्रों में बड़ी मात्रा में भूमि दे ताकि चीन वहां आश्रय स्थल बना सके।
यह कदम चीन के अफगानिस्तान के सीमावर्ती इलाकों पर अघोषित कब्जे की योजना का हिस्सा माना जा रहा है। चीन चाहता है कि अफगानिस्तान इन क्षेत्रों को उसे दे, ताकि वह वहां अपने नागरिकों को बसाकर भविष्य में किसी प्रकार की समस्याओं से बच सके। इसके पीछे चीन की योजना अफगानिस्तान के आसपास के क्षेत्रों पर कब्जा करना है, जिससे भविष्य में उसके लिए यह इलाका सुरक्षित हो सके। चीन ने तालिबान को यह सलाह दी कि वह बाहर से आ रहे अफगान नागरिकों को सीमा के पास बसाए, ताकि शहरों में रहने वालों को कोई दिक्कत न हो। यह भी माना जा रहा है कि चीन इस प्रस्ताव के जरिए अफगानिस्तान की सीमाओं से लगे इलाकों में अपना प्रभाव बढ़ाने की कोशिश कर रहा है।