Davos 2023 : ई-कॉमर्स के लिए एक इंटरऑपरेबिल आर्किटेक्चर के विकास का विचार इतना अच्छा था कि डीपीआईआईटी (DPIIT) सेक्रेटरी अनुराग जैन ने इसकी जानकारी मिलने के बाद महज 3 मिनट के भीतर 10 करोड़ रुपये की स्वीकृति दे दी थी। टॉप ब्यूरोक्रेट ने दावोस में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (World Economic Forum) से इतर मनीकंट्रोल से बातचीत के दौरान यह बात कही। उन्होंने कहा कि जब डीपीआईआईटी सेक्रेटरी बना तो टीम ने मुझे ओएनडीसी के बारे में बताया। उन्हें इस बात को समझने में 3 मिनट से ज्यादा वक्त नहीं लगा। वे अनुराग जैन से 10 करोड़ रुपये की स्वीकृति चाहते थे।
आपको बता दें कि ओएनडीसी (Open Network for Digital Commerce) एक यूपीआई की तरह है। इसका मकसद तेजी से बढ़ते ई-कॉमर्स क्षेत्र को दूर-दराज के क्षेत्रों तक पहुंचाना, छोटे खुदरा विक्रेताओं की मदद करना और फ्लिपकार्ट (Flipkart) और एमेजॉन (Amazon) जैसी ई-कॉमर्स कंपनियों पर अंकुश लगाना है। इन दोनों का देश के ऑनलाइन रिटेल मार्केट के 80 फीसदी हिस्से पर कब्जा है।
ई-कॉमर्स से खत्म हो जाएगा वर्चस्व
डीपीआईआईटी सेक्रेटरी जैन ने कहा, “फिर मैंने उन्हें बताया कि लोगो को ओएनडीसी के बारे में ऐसे समझाया जाना चाहिए कि जो यूपीआई ने पेमेंट्स के लिए किया, वहीं ओएनडीसी ई-कॉमर्स के लिए करेगा।”
डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड (DPIIT) सेक्रेटरी ने कहा, "ONDC यह सुनिश्चित करेगा कि ‘दुनिया से वर्चस्व खत्म हो जाए’ और भारत में ई-कॉमर्स में प्रवेश की बाधाएं दूर हो जाएं।"
इससे जुड़ सकेगा कोई भी ऑनलाइन सेलर
2021 में एक गैर लाभकारी संगठन के रूप में स्थापित ONDC ई-कॉमर्स इंडस्ट्री के लिए एक डिजिटल नेटवर्क बना रहा है, जिसके जरिये कोई भी ऑनलाइन सेलर भारत में किसी भी खरीदार से जुड़ सकता है।
इसका उद्देश्य अगले दो साल में ई-कॉमर्स की पहुंच 25 फीसदी भारतीय कंज्यूमर्स तक बढ़ाना है, जो फिलहाल 8 फीसदी है। अगले पांच साल में इस शेयर्ड नेटवर्क के साथ 90 करोड़ बायर्स और 12 लाख सेलर्स के जुड़ने की उम्मीद है।