Davos 2023 : आईएमएफ की डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्ट गीता गोपीनाथ ने आगाह किया कि भारत को लेबर मार्केट और लैंड से जुड़े मुद्दों पर अभी खासा काम करने की जरूरत है। हालांकि, उन्होंने दुनिया की अन्य बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में अच्छा काम करने के लिए भारत की सराहना की है। दावोस में जारी वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (World Economic Forum) की सालाना बैठक से इतर एक इंटरव्यू में गोपीनाथ यह बात कही। हालांकि, उन्होंने दुनिया में बढ़ते विभाजन को लेकर आगाह करते हुए कहा कि इससे ग्लोबल ग्रोथ रेट को झटका लग सकता है।
दुनिया में बढ़ रहा विभाजन
आईएएनएस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने इंटरव्यू में कहा, “मुझे लगता है कि महामारी और रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia Ukraine war) ने सभी देशों की आर्थिक सुरक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी चिंताएं बढ़ा दी हैं और इस कारण वे ऐसी नीतियां बना रहे हैं जो दुनिया भर में अधिक विभाजन का कारण बन सकती हैं।”
भारत में अभी सुधारों की जरूरत
हालांकि, भारत के बारे में उन्होंने कहा कि वहां से कई पॉजिटिव सेंटीमेंट मिल रहे हैं लेकिन साथ ही मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर (manufacturing sector) में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) के लिए ज्यादा सुधारों की जरूरत पर भी जोर दिया। गोपीनाथ (Gita Gopinath) ने कहा, कई बिजनेस और कंपनियां निवेश के लिए भारत की ओर देख रही हैं, क्योंकि वे चीन जैसे देशों से खुद को डायवर्सिफाई करना चाहती हैं।
भारत की ग्रोथ पर टिप्पणी करते हुए, आईएमएफ (IMF) की शीर्ष अधिकारी ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में यह 6.8 फीसदी है और अगले वित्त वर्ष में यह 6.1 फीसदी रहेगी।