ईरान की ओर से इजरायल पर बैलिस्टिक मिसाइल से अटैक किए जाने के बाद इजरायल ने ईरान को उसके किए की सजा देन की कसम खा ली है। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने वादा किया कि कट्टर दुश्मन ईरान अपने मिसाइल हमले की कीमत चुकाएगा। वहीं ईरान ने भी कहा है कि किसी भी जवाबी कार्रवाई का जवाब बड़े पैमाने पर विनाश से दिया जाएगा। इससे युद्ध बड़े पैमाने पर होने का डर बढ़ गया है।
ईरान ने इजरायल पर मंगलवार को 180 से ज्यादा बैलिस्टिक मिसाइल दागीं। किसी के हताहत होने की कोई सूचना नहीं है और इजरायल ने निवासियों को बंकरों में जाने का आदेश दिया है। इजरायलियों के मोबाइल फोन पर सुरक्षित स्थान पर रहने के आदेश भेजे गए और राष्ट्रीय टेलीविजन पर इसकी घोषणा की गई। इजराइल के सरकारी टेलीविजन के अनुसार ईरान ने इजरायल पर दर्जनों बैलिस्टिक मिसाइल दागने की जिम्मेदारी ली है।
अपने बयान में ईरान ने हिज्बुल्लाह नेता हसन नसरल्लाह और रिवॉल्यूशनरी गार्ड जनरल अब्बास निलफोरुशान का जिक्र किया, जो पिछले सप्ताह बेरूत में एक इजरायली हवाई हमले में मारे गए थे। इसमें हमास के एक शीर्ष नेता इस्माइल हनीयाह का भी जिक्र किया गया, जिसकी जुलाई में तेहरान में एक संदिग्ध इज़रायली हमले में मौत हो गई थी।
जहां भी, जब भी और जिस तरह से चाहें, जवाब देंगे: ईरान
रॉयटर्स की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि एक बयान के अनुसार, नेतन्याहू ने राजनीतिक-सुरक्षा बैठक की शुरुआत में कहा, "ईरान ने आज रात एक बड़ी गलती की और उसे इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी।" सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इजरायल डिफेंस फोर्सेस की ओर से डाली गई पोस्ट में आईडीएफ के प्रवक्ता RAdm. Daniel Hagari ने कहा कि ईरान का हमला गंभीर और खतरनाक है। इसके नतीजे सामने आएंगे। इजरायल सरकार के निर्देश के अनुसार हम जहां भी, जब भी और जिस तरह से चाहें, जवाब देंगे।
ईरान के इस हमले के साथ ही इजरायल का करीब एक वर्ष पहले हिज्बुल्लाह और हमास के उग्रवादियों के साथ शुरू हुआ संघर्ष भीषण रूप से उग्र हो गया है और इसके पूरे पश्चिम एशिया क्षेत्र में फैलने का खतरा मंडराने लगा है।
अमेरिका करेगा इजरायल को सपोर्ट
अमेरिका ने अपने पुराने सहयोगी इजरायल को फुल सपोर्ट देने की बात कही है, वहीं ईरान के सशस्त्र बलों ने कहा है कि ईरान के खिलाफ इजरायल के सपोर्टर्स की ओर से सीधे हस्तक्षेप से क्षेत्र में उनके बेस और इंट्रेस्ट्स पर ईरान की ओर से मजबूत हमला भड़केगा। दो कट्टर दुश्मनों के बीच व्यापक युद्ध की आशंकाओं के कारण तेल की कीमतों में 5% की वृद्धि हुई। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने बुधवार को मिडिल ईस्ट को लेकर एक मीटिंग तय की है।