कोरोना वायरस महामारी से पूरी दुनिया का हाल बेहाल है। यह एक ऐसी महामारी है जो पिछले दो सालों से खत्म होने का नाम नहीं रही है। इस महामारी से निपटने के लिए दुनिया भर में वैक्सीन बनाने का काम शुरू किया गया। लेकिन जिस तेजी से वैक्सीन बनाई गई, उसी तेजी से कोरोना वायरस के नए-नए वेरिएंट भी पैदा होने लगे। लिहाजा इस महामारी को खत्म करने के लिए वैक्सीन और बूस्टर डोज का सहारा लिया जाने लगा। इस समय दुनिया भर में सबसे बड़ी चिंता इस बात की है कि कोरोना वायरस के नए वेरिएंट के खिलाफ कौन सी वैक्सीन कारगर है।
ओमीक्रोन और XE वेरिएंट को लेकर रूस ने एक बड़ा दावा किया है। रूस का कहना है कि ओमीक्रोन और XE वेरिएंट पर स्पुतनिक (Sputnik) और स्पुतनिक लाइट के साथ-साथ नेजल वैक्सीन प्रभावी है। रूस के गमलेया सेंटर (Gamaleya Center) के चीफ प्रोफेसर की ओर से यह दावा किया गया है।
रूस के गमलेया सेंटर (Gamaleya Center) के चीफ प्रोफेसर अलेक्जेंडर गिंट्सबर्ग (Alexander Gintsburg) ने कहा कि स्पुतनिक वैक्सीन (Sputnik V) ओमीक्रोन वेरिएंट और XE वेरिएंट (BA.1 और BA.2) पर असरदार मिली है। इसमें आगे कहा गया है कि ओमीक्रोन के खिलाफ फाइजर की तुलना में दोगुनी प्रभावी पाई गई है। बता दें कि हाल ही में रूसी वैक्सीन स्पुतनिक का नेजल वर्जन सामने आया है। रूस का कहना है कि उसने दुनिया की पहली नेजल वैक्सीन बना ली है। यह स्पुतनिक वैक्सीन का ही एक नया रूप है।
नेजल वैक्सीन बनेगी बड़ा सहारा
रूस में लंबे समय से नेजल वैक्सीन को लेकर ट्रायल चल रहा था। अन्य कई देश भी इस दिशा में काम कर रहे थे, लेकिन रूस ने बाजी मार ली। कहा जा रहा है कि नेजल वैक्सीन के आने से कोरोना पर काबू पाना आसान हो जाएगा। नेजल वैक्सीन नाक के जरिए दी जाती है। इसे इंट्रानेजल वैक्सीन भी कहा जाता है। जो वैक्सीन मांसपेशियों में इंजेक्शन के जरिए दी जाती है, वो इंट्रामस्कुलर वैक्सीन होती है।