पाकिस्तान मे प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। इसे देखते हुए बीमारियों को रोकने के लिए ज्यादातर बाहरी गतिविधियों पर रोक लगा दी गई है। कुछ इलाकों में दुकानों, बाजारों और मॉल को जल्द ही बंद करने के आदेश दिए गए हैं। स्विस समूह IQAir की लाइव रेटिंग के अनुसार, लाहौर का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) मंगलवार को थोड़ा हुआ है। मौजूदा समय में AQI 856 दर्ज किया गया है। अभी भी यह खतरनाक श्रेणी में बना हुआ है। वहीं कई इलाकों में AQI 1000 के पार चला गया है। शहर के आसमान पर धुंध की घनी चादरें चढ़ गई हैं।
इस बीच, संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) ने पाकिस्तान के पंजाब में 1.1 करोड़ से ज्यादा बच्चों की जान के खतरे की चेतावनी दी है। पिछले महीने से पाकिस्तान की राजधानी लाहौर और पंजाब के 17 अन्य जिलों में जहरीली धुंध छाई हुई है। स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि 40,000 से अधिक लोगों का श्वसन संबंधी बीमारियों के लिए इलाज किया गया है। लाहौर में एक दिन में 900 से ज्यादा लोग अस्पताल में भर्ती हुए हैं।
संयुक्त राष्ट्र ने कहा, पंजाब प्रांत के बच्चे खतरे में
संयुक्त राष्ट्र की बाल एजेंसी ने चेतावनी जारी कर दी है। इसमें पाकिस्तान के पूर्वी पंजाब प्रांत में 1.1 करोड़ बच्चों का स्वास्थ्य वायु प्रदूषण के कारण खतरे में है। पिछले महीने से पाकिस्तान की सांस्कृतिक राजधानी लाहौर और पंजाब के 17 अन्य जिलों में ज़हरीली धुंध छाई हुई है। पाकिस्तान में यूनिसेफ के प्रतिनिधि अब्दुल्ला फादिल ने एक बयान में सरकार को कड़ी चेतावनी दी है। इसमें सरकार से कहा गया है कि 5 साल से कम उम्र के 1.1 करोड़ प्रभावित बच्चों के लिए प्रदूषण कम करने के उपाय किए जाएं। लाहौर भारत की सीमा से सटा हुआ है। इसकी बादी 1.4 करोड़ है। यहां कारखानों की भरमार है। आमतौर पर यह दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में शुमार होता है। लेकिन इस महीने यह रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है।
अब्दुल्ला फादिल ने आगे कहा कि पहले 5 साल से कम उम्र के बच्चों की करीब 12 फीसदी मौत वायु प्रदूषण के कारण हो चुकी है। इस साल धुंध का प्रभाव ज्यादा नजर आ रहा है। पाकिस्तान के पंजाब में 17 नवंबर तक स्कूल बंद कर दिए गए हैं। वही सभी पार्कों और संग्रहालयों को 10 दिनों तक बंद करने के आदेश दिए गए हैं। लोगों से अपील की गई है कि बेहद जरूरी होने पर ही यात्रा करें।