Pakistan News: सऊदी अरब और अन्य खाड़ी देशों से उनके यहां बेसहारा लोगों को भेजने पर कड़ी चेतावनी मिलने के बाद पाकिस्तान ने 4,300 भिखारियों को एग्जिट कंट्रोल लिस्ट (नो फ्लाई लिस्ट) में डाल दिया है। इसी साल सितंबर महीने में सऊदी अरब ने धार्मिक तीर्थयात्रा की आड़ में खाड़ी देश में आने वाले पाकिस्तानी नागरिकों की बढ़ती संख्या के बारे में चिंता व्यक्त की थी। ये पाकिस्तानी केवल भीख मांगने की गतिविधियों में शामिल होते हैं। इस बीच, पाकिस्तान ने बुधवार (18 दिसंबर) को सऊदी अरब में भिखारियों को भेजने वाले 'माफिया' के खिलाफ सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी दी।
पाकिस्तान आतंकवाद, गधे और भिखारियों के निर्यात के लिए कुख्यात है। पाकिस्तानी भिखारियों की समस्या इतनी गंभीर है कि कई मध्य पूर्वी देशों ने इस्लामाबाद को चेतावनी दी है कि अगर भिखारियों का निर्यात नहीं रोका गया तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। पाकिस्तानी अखबार 'डॉन' की रिपोर्ट के अनुसार उन चेतावनियों पर ध्यान देते हुए पाकिस्तान ने करीब 4,300 भिखारियों को विदेश जाने से रोकने के लिए एग्जिट कंट्रोल लिस्ट (ECL) में डाल दिया है।
यह घोषणा सितंबर में सऊदी अरब द्वारा दी गई चेतावनी के बाद की गई है। सऊदी अरब ने पाकिस्तान से भिखारियों को उमराह और हज वीजा का दुरुपयोग करके मक्का और मदीना के पवित्र शहरों में भीख मांगने से रोकने के लिए कहा था। पाकिस्तान के गृह मंत्री मोहसिन रजा नकवी ने बुधवार को सऊदी अरब के उप गृह मंत्री नासिर बिन अब्दुलअजीज अल दाऊद को उनके देश में भिखारियों को भेजने के लिए जिम्मेदार 'माफिया' के खिलाफ इस्लामी गणराज्य द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी दी।
रिपोर्ट में सऊदी अरब जाने वाले भिखारियों के खिलाफ पाकिस्तान द्वारा अपनाई गई जीरो-टॉलरेंस नीति के बारे में भी बताया गया है। सऊदी हज मंत्रालय ने उमराह वीजा पर सऊदी अरब में एंट्री करने वाले भिखारियों की बढ़ती संख्या के बारे में औपचारिक रूप से चेतावनी दी थी।
पाकिस्तान से हैं विदेश में गिरफ्तार किए गए 90% भिखारी
'डॉन' की एक रिपोर्ट के अनुसार, विदेशों में गिरफ्तार किए गए भिखारियों में से 90 प्रतिशत पाकिस्तान के हैं। सऊदी अरब की सड़कों पर खास तौर पर मक्का एवं मदीना और जेद्दाह शहरों में पाकिस्तानी भिखारियों की भीड़ आम बात है। खाड़ी देश के लिए यह एक खतरा बन गया है। महंगाई और बिगड़ती आर्थिक स्थिति के कारण पाकिस्तानियों को तीर्थयात्रा के बहाने सऊदी अरब सहित पश्चिम एशियाई देशों की यात्रा करने के लिए जाना जाता है। कई लोग हज और उमराह वीजा पर सऊदी अरब में एंट्री करते हैं। फिर बाद में वहां भीख मांगते हैं।
इसके अलावा, 2023 में विदेश मामलों के सचिव जीशान खानजादा के बयान के अनुसार, मक्का की ग्रैंड मस्जिद के अंदर गिरफ्तार किए गए 90% जेबकतरे पाकिस्तानी हैं। सऊदी अरब के कानून के तहत किसी भी रूप में या किसी भी उद्देश्य के लिए भीख मांगना अपराध माना जाता है। भीख मांगने वाले लोगों को 6 महीने तक की कैद या 50,000 रियाल तक के जुर्माने की सजा हो सकती है। ज्यादातर पाकिस्तानी भिखारी सऊदी अरब की जेलों में बंद हैं।
यह सिर्फ सऊदी अरब की बात नहीं है। पाकिस्तानी भिखारी दुबई समेत UAE और इराक सहित कई पश्चिम एशियाई देशों में घुसपैठ कर चुके हैं। सितंबर 2023 में तीर्थयात्रियों के वेश में 16 भिखारियों को कराची में सऊदी अरब जाने वाली फ्लाइट से उतार दिया गया था। वहीं, जेद्दा में भीख मांगने की कोशिश करने के आरोप में कई पाकिस्तानी भिखारियों को गिरफ्तार कर लिया गया। पाकिस्तान अब भिखारियों को सऊदी अरब में प्रवेश करने के लिए धार्मिक वीजा का दुरुपयोग करने से रोकने के प्रभावी तरीके खोजने के लिए काम कर रहा है।