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पाकिस्तान में बढ़ती महंगाई से लोगों का सब्र टूटा, गुस्से का इजहार करने सड़कों पर उतरे हजारों लोग

पाकिस्तान में इनफ्लेशन 48 फीसदी पर पहुंच गया है। आटा, ब्रेड और मीट जैसी रोजमर्रा की जरूरत की चीजों के दाम आसमान में पहुंच गए हैं। IMF से आर्थिक मदद के लिए चल रही बातचीत पिछले हफ्ते टूट गई। ऐसे में यह मुल्क श्रीलंका और वेनेजुअला के रास्ते पर चलता दिख रहा है

अपडेटेड Feb 11, 2023 पर 11:06 AM
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प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और पूर्व प्रधानमंत्री के बीच लड़ाई ने पाकिस्तान को हाशिये पर धकेल दिया है।

पाकिस्तान (Pakistan Economy) में लोगों का सब्र टूट रहा है। आर्थिक और राजनीति संकट ने लोगों की जिंदगी बदहाल कर दी है। लोग अपने गुस्से का इजहार करने के लिए सड़कों पर उतर रहे हैं। 1947 में मुल्क की आजादी के बाद से शायह ही ऐसा मंजर देखने को मिला है। दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी आबादी वाला देश डिफॉल्ट के करीब पहुंच गया है। वह श्रीलंका और वेनेजुअला के रास्ते पर बढ़ता दिख रहा है। इनफ्लेशन (Inflation in Pakistan) 48 महीने के हाई पर पहुंच गया है। विदेशी मुद्रा (Forex) एक महीने के आयात के लिए भी नहीं बची है। पिछले साल बाढ़ की वजह से हुआ अरबों का नुकसान इकोनॉमी पर भारी पड़ रहा है।

IMF से चल रही बातचीत टूटी

इस हफ्ते आर्थिक मदद के लिए इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) से चल रही बातचीत टूट गई है। इससे पाकिस्तान को तुरंत कोई मदद मिलती नहीं दिख रही है। जिस 6.5 अरब डॉलर के लोन प्रोग्राम पर बातचीत चल रही थी, उससे पाकिस्तान के खाली पड़े सरकारी खजाने को भरना मुश्किल है।


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दूसरी छमाही में इलेक्शंस की उम्मीद

प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और पूर्व प्रधानमंत्री के बीच लड़ाई ने पाकिस्तान को हाशिये पर धकेल दिया है। इस साल दूसरी छमाही में इलेक्शंस होने की उम्मीद है। लेकिन, उसके नतीजों से बहुत मिलने की उम्मीद नजर नहीं आती। हाल में पेशावर में आत्मघाती बम विस्फोट में 100 से ज्यादा लोग मारे गए। इससे पाकिस्तान सरकार और तालीबान के रिश्ते को जोखिम का संकेत मिलता है। तालिबान में पड़ोसी अफगानिस्तान में अपनी जड़े मजबूत कर ली है।

बर्बादी के कगार पर पहुंचा व्यापार

ब्लूमबर्ग ने मौजूदा संकट की गहराई को समझने के लिए पाकिस्तान के अलग-अलग हिस्सों में लोगों से बातचीत की। कराची में रेस्टॉरेंट चलाने वाले मुहम्मद राशिद ने कहा कि बढ़ती मंहगाई ने व्यापार को बर्बाद कर दिया है। राशिद के रेस्टॉरेंट का नाम राशिद सीफूड है। उन्होंने कहा कि इस जाड़े में उनके रेस्टॉरेंट की बिक्री 50 फीसदी घट चुकी है। मिडिल क्लास ग्राहक खर्च नहीं करना चाहते। इससे बढ़ती आर्थिक असमानता का पता चलता है। ब्रेड और मीट की कीमतें आसमान में पहुंच गई हैं।

ईंधन की कीमतें लोगों की पहुंच से दूर

गैस स्टेशन मैनेजर इरफान अली ने कहा कि पिछले महीने सरकार ने डीजल की कीमतें बढ़ाकर 262 रुपये प्रति लीटर कर दी। इससे लोग कहीं आनेजाने से बच रहे हैं। कराची के व्यस्त इलाके में स्थित टोटल पार्को पाकिस्तान लिमिटेड पर ग्राहक नहीं दिख रहे। इरफान अली ने कहा कि जब पेट्रोल प्रति लीटर 200 रुपये था तो मैं रोजाना 15,000 लीटर बेच देता था। अब कीमत बढ़कर 250 रुपये प्रति लीटर पहुंच गई है। बिक्री घटकर 13,000 लीटर से नीचे आ गई है।

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