PM Modi Laos Visit: पीएम मोदी ने जापान और न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्रियों से की मुलाकात, वियनतियाने में देखा रामायण का मंचन
PM Modi Laos Visit Updates: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत-आसियान समग्र साझेदारी को मजबूत करने के लिए 10 सूत्री योजना की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय समूह के साथ संबंध एशिया के भविष्य को दिशा देने के लिए महत्वपूर्ण हैं। वह गुरुवार को वियनतियाने आसियान देशों के नेताओं को संबोधित कर रहे थे जिनमें मलेशिया, थाइलैंड, ब्रूनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, म्यांमा, फिलीपीन, वियतनाम, लाओस और सिंगापुर शामिल हैं
PM Modi Laos Visit: पीएम नरेंद्र मोदी दो दिवसीय यात्रा पर लाओस की राजधानी वियनतियाने में हैं
PM Modi Laos Visit News Updates: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार (10 अक्टूबर) को वियनतियाने में अपने जापानी समकक्ष शिगेरू इशिबा के साथ मुलाकात की। इसके दौरान दोनों नेताओं बुनियादी ढांचे, संपर्क और रक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की। प्रधानमंत्री मोदी ने वियनतियाने में आसियान-भारत शिखर सम्मेलन से इतर न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन से भी मुलाकात की। पीएम मोदी आसियान-भारत और पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए लाओस की राजधानी वियनतियाने में हैं।
पीएम मोदी ने 21वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन के अवसर पर जापान के नवनियुक्त प्रधानमंत्री इशिबा से मुलाकात की। इस दौरान उन्हें उनकी नई जिम्मेदारी के लिए बधाई देते हुए जापान को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में सफलता की कामना की।
पीएम मोदी ने X पर लिखा, "प्रधानमंत्री इशिबा के साथ बहुत ही सार्थक बैठक हुई। मैं जापान का प्रधानमंत्री बनने के कुछ ही दिन बाद उनसे मिलकर खुश हूं। हमारी बातचीत में बुनियादी ढांचे, संपर्क, रक्षा और अन्य क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा हुई। सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा देने पर भी चर्चा हुई।" बता दें कि इशिबा को पिछले सप्ताह ही जापान का प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया था। उन्होंने फुमियो किशिदा की जगह ली है, जिन्होंने नए नेता के लिए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।
भारतीय प्रधानमंत्री के कार्यालय (PMO) ने X पर एक पोस्ट में कहा, "प्रधानमंत्री मोदी और जापान के PM शिगेरू इशिबा ने लाओ पीडीआर में भारत-आसियान शिखर सम्मेलन से इतर शानदार बातचीत की। उन्होंने प्रौद्योगिकी, रक्षा और लोगों के बीच संबंध समेत विभिन्न क्षेत्रों में संबंध मजबूत करने के तरीकों पर विचार-विमर्श किया।" विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि भारत अपने विश्वसनीय मित्र और रणनीतिक साझेदार जापान के साथ अपने संबंधों को सर्वोच्च प्राथमिकता देना जारी रखेगा।
विदेश मंत्रालय (MEA) के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने X पर लिखा, "जापान-भारत संबंधों को बढ़ावा दिया जा रहा है, 'एक्ट ईस्ट' नीति को मजबूत किया जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी और जापान के पीएम शिगेरू इशिबा ने आज 21वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन से इतर सार्थक बातचीत की। चर्चा में टेक्नोलॉजी, व्यापार, रक्षा और सुरक्षा, सांस्कृतिक और जनता के बीच आदान-प्रदान में साझेदारी को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित किया गया।"
विदेश मंत्रालय ने कहा, "दोनों नेताओं ने व्यापार और निवेश, बुनियादी ढांचे के विकास, रक्षा और सुरक्षा, सेमीकंडक्टर, कौशल, संस्कृति और लोगों के बीच आदान-प्रदान सहित विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाकर भारत-जापान विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी को और मजबूत करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की।" बयान में कहा गया कि दोनों नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि भारत और जापान शांतिपूर्ण, सुरक्षित और समृद्ध हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए अपरिहार्य साझेदार हैं तथा उन्होंने इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए मिलकर काम करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
Had a very productive meeting with PM Ishiba. I’m happy to have met him just a few days after he became Japan’s PM. Our talks included ways to enhance cooperation in infrastructure, connectivity, defence and more. Boosting cultural linkages was also discussed. pic.twitter.com/U8EYC3Q7za
बयान के अनुसार, "दोनों नेता अगले भारत-जापान वार्षिक सम्मेलन को लेकर आशान्वित हैं।" न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री लक्सन के साथ मुलाकात में प्रधानमंत्री मोदी ने आर्थिक सहयोग, पर्यटन, शिक्षा और नवाचार जैसे क्षेत्रों में सहयोग पर चर्चा की। यह दोनों नेताओं के बीच पहली मुलाकात थी।
PM मोदी ने X पर लिखा, "न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन के साथ शानदार बैठक हुई। हम न्यूजीलैंड के साथ अपनी मित्रता को महत्व देते हैं, जो लोकतंत्र, स्वतंत्रता और कानून के शासन के प्रति प्रतिबद्धता से बंधी है। हमारी बातचीत में आर्थिक सहयोग, पर्यटन, शिक्षा और इनोवेशन जैसे क्षेत्रों पर चर्चा हुई।"
Had an excellent meeting with the Prime Minister of New Zealand, Mr. Christopher Luxon. We value our friendship with New Zealand, bound together by a commitment to democracy, freedom and rule of law. Our talks covered sectors such as economic cooperation, tourism, education and… pic.twitter.com/0P2yi4qLlg — Narendra Modi (@narendramodi) October 10, 2024
PMO ने कहा कि दोनों नेताओं ने व्यापार और निवेश, रक्षा, शिक्षा, कृषि, स्पेस टेक्नोलॉजी समेत अनेक क्षेत्रों में भारत-न्यूजीलैंड साझेदारी को गहरा करने के तरीकों पर चर्चा की। जायसवाल ने X पर एक अन्य पोस्ट में कहा, "साझेदारी के क्षेत्रों का विस्तार हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज 21वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन से इतर न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री लक्सन से मुलाकात की।"
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि दोनों प्रधानमंत्रियों ने व्यापार और निवेश, रक्षा और सुरक्षा, नवीकरणीय ऊर्जा, शिक्षा, डेयरी, कृषि-प्रौद्योगिकी, खेल, पर्यटन, अंतरिक्ष और लोगों के बीच संबंधों समेत विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की। उसने कहा, "उन्होंने इस बात पर गौर किया कि सतत उच्चस्तरीय संपर्कों ने द्विपक्षीय संबंधों को गति प्रदान की है। इस संदर्भ में उन्होंने भारतीय राष्ट्रपति की हालिया न्यूजीलैंड यात्रा का उल्लेख किया जो बहुत सफल रही।"
The India-ASEAN Summit was a productive one. We discussed how to further strengthen the Comprehensive Strategic Partnership between India and ASEAN. We look forward to deepening trade ties, cultural linkages and cooperation in technology, connectivity and other such sectors. pic.twitter.com/qSzFnu1Myk
प्रधानमंत्री मोदी ने अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन में शामिल होने के न्यूजीलैंड के फैसले का स्वागत किया। दोनों नेताओं ने बहुपक्षीय मंचों पर सहयोग को और मजबूत करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई तथा भारत-न्यूजीलैंड संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का संकल्प व्यक्त किया। PM मोदी ने प्रधानमंत्री लक्सन को पारस्परिक रूप से सुविधाजनक तिथियों पर भारत आने का निमंत्रण दिया, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया।
वियनतियाने में देखा रामायण का मंचन
प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी यात्रा के दौरान गुरुवार को रामायण के लाओ संस्करण की मनमोहक प्रस्तुति देखी। यह भारत और लाओस के बीच साझा विरासत एवं सदियों पुराने सभ्यतागत संबंधों को दर्शाता है। वियनतियाने पहुंचने के बाद उन्होंने लाओ रामायण (Lao Ramayan) का एक एपिसोड देखा, जिसे 'फलक फलम' और 'फ्रलक फ्रराम' (Phalak Phalam or Phra Lak Phra Ram) कहा जाता है। प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने X पर एक पोस्ट में कहा, "प्रधानमंत्री मोदी ने लाओ रामायण की मनमोहक प्रस्तुति देखी, जिसे 'फलक फालम' या 'फ्रलक फ्रराम' के नाम से जाना जाता है। रामायण की यह अनूठी प्रस्तुति भारत और लाओ पीडीआर के बीच गहरे सांस्कृतिक संबंधों और साझा विरासत को दर्शाती है।"
Vijaya Dashami is a few days away and today in Lao PDR, I saw a part of the Lao Ramayana, highlighting the victory of Prabhu Shri Ram over Ravan. It is heartening to see the people here remain in touch with the Ramayan. May the blessings of Prabhu Shri Ram always remain upon us! pic.twitter.com/BskmfMYBdm — Narendra Modi (@narendramodi) October 10, 2024
'फ्रलकफ्रराम डॉट कॉम' के मुताबिक, लाओ रामायण मूल भारतीय संस्करण से अलग है। बौद्ध समूहों के माध्यम से यह 16वीं शताब्दी के आसपास लाओस पहुंचा था। PM मोदी ने X पर पोस्ट किया, "विजय दशमी कुछ दिन दूर है और आज लाओ पीडीआर में मैंने लाओ रामायण का एक भाग देखा, जिसमें रावण पर प्रभु श्रीराम की जीत पर प्रकाश डाला गया है। यह देखकर खुशी होती है कि यहां के लोग रामायण से जुड़े हुए हैं। प्रभु श्रीराम का आशीर्वाद सदैव हम पर बना रहे!"
Some glimpses from the memorable episode of Phalak Phalam or Phra Lak Phra Ram I witnessed in Lao PDR. pic.twitter.com/0XYQATl7BE — Narendra Modi (@narendramodi) October 10, 2024
प्रधानमंत्री ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर 'फलक फालम' या 'फ्रलक फ्रराम' की उस कड़ी की कुछ झलकियां भी साझा कीं, जो उन्होंने लाओ पीडीआर में देखी। इस मौके पर लाओ पीडीआर के गृह मंत्री, शिक्षा एवं खेल मंत्री, बैंक ऑफ लाओ पीडीआर के गवर्नर और विएंतियान के मेयर सहित कई अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि लाओस में आज भी रामायण का मंचन किया जाता है। यह महाकाव्य दोनों देशों के बीच साझा विरासत और सदियों पुराने सभ्यतागत संबंधों को दर्शाता है। बयान के अनुसार, लाओस में सदियों से भारतीय संस्कृति और परंपरा के विभिन्न पहलुओं का पालन एवं संरक्षण किया जा रहा है। इसमें कहा गया है कि दोनों देश अपनी साझा विरासत को रोशन करने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं।