PM Modi Moscow Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस की राजधानी मॉस्को पहुंच गए हैं। एयरपोर्ट पर प्रधानमंत्री मोदी का भव्य स्वागत किया गया। इस दौरान उन्हें 'गार्ड ऑफ ऑनर' भी दिया गया। पीएम मोदी रूस के दो दिवसीय आधिकारिक दौरे पर हैं। वह थोड़ी देर में मॉस्को में रूस के राष्ट्रपति पुतिन के साथ 22वां भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन आयोजित करेंगे। पीएम मोदी के लिए खास रिसेप्शन का इंतजाम किया गया है। खुद रूसी राष्ट्रपति पुतिन एक प्राइवेट डिनर पर पीएम मोदी की मेजबानी करेंगे। रूस के उप प्रधानमंत्री डेनिस मंटुरोव ने पीएम मोदी का एयरपोर्ट पर स्वागत किया।
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन ने आखिरी बार 16 सितंबर, 2022 को उज्बेकिस्तान के समरकंद में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के शिखर सम्मेलन के इतर द्विपक्षीय वार्ता की थी। इस दौरान पीएम मोदी ने यूक्रेन में संघर्ष को समाप्त करने के लिए पुतिन पर दबाव डालते हुए कहा था, "आज का युग युद्ध का नहीं है।"
फरवरी 2022 में यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के बाद से पीएम मोदी ने पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के साथ टेलीफोन पर कई बार बातचीत की है। भारत और रूस में अभी तक बारी-बारी से 21 वार्षिक शिखर सम्मेलन आयोजित हो चुके हैं।
आखिरी शिखर सम्मेलन 6 दिसंबर 2021 को नई दिल्ली में आयोजित किया गया था। इस शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत आए थे। G-7 देशों द्वारा मूल्य सीमा तय किए जाने तथा कई पश्चिमी देशों में खरीद को लेकर बढ़ती बेचैनी के बावजूद भारत द्वारा रूस से सस्ते दाम पर कच्चे तेल के आयात में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
'भारत स्थिर क्षेत्र के लिए सहयोगात्मक भूमिका निभाना चाहता है'
यूक्रेन में संघर्ष के बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता के लिए रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को कहा कि भारत शांतिपूर्ण और स्थिर क्षेत्र के लिए सहयोगात्मक भूमिका निभाना चाहता है।
पीएम मोदी और पुतिन मंगलवार को 22वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में व्यापार, ऊर्जा और रक्षा सहित विविध क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को और विस्तार देने के तरीकों पर विचार-विमर्श करेंगे।
फरवरी 2022 में यूक्रेन पर रूसी आक्रमण की शुरुआत के बाद से यह भारतीय प्रधानमंत्री की रुस की पहली यात्रा है। यह, 2019 के बाद से पीएम मोदी की रूस की पहली और अपने तीसरे कार्यकाल की पहली द्विपक्षीय विदेश यात्रा भी है।
क्यों अहम है भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन?
पीएम मोदी ने एक बयान में कहा, "भारत और रूस के बीच विशेष एवं विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी पिछले 10 वर्षों में और बढ़ी है, जिसमें ऊर्जा, सुरक्षा, व्यापार, निवेश, स्वास्थ्य, शिक्षा, संस्कृति, पर्यटन और लोगों से लोगों का संपर्क आदि क्षेत्र शामिल हैं।"
उन्होंने कहा, "मैं, मेरे मित्र राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय सहयोग के सभी पहलुओं की समीक्षा करने और विभिन्न क्षेत्रीय एवं वैश्विक मामलों पर दृष्टिकोण साझा करने को लेकर आशान्वित हूं।" PM ने कहा, "हम शांतिपूर्ण एवं स्थिर क्षेत्र के लिए सहायोगात्मक भूमिका निभाना चाहते हैं।"
भारत, रूस के साथ अपनी विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी का पुरजोर बचाव करता रहा है और यूक्रेन संघर्ष के बावजूद उसने संबंधों में गति बनाए रखा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह यात्रा उन्हें रूस में जीवंत भारतीय समुदाय से मिलने का अवसर भी प्रदान करेगी।
रूस के साथ अपनी मजबूत दोस्ती को देखते हुए भारत ने अभी तक यूक्रेन पर मॉस्को के आक्रमण की निंदा नहीं की है। भारत यह कहता रहा है कि संकट को कूटनीति और बातचीत के माध्यम से हल किया जाना चाहिए।
ऑस्ट्रिया भी जाएंगे पीएम मोदी
रूस में अपनी यात्रा पूरी करने के बाद पीएम मोदी ऑस्ट्रिया के लिए रवाना होंगे। 9 जुलाई को रूस में अपनी यात्रा पूरी करने के बाद पीएम मोदी ऑस्ट्रिया के लिए रवाना होंगे। यह, 40 साल में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली ऑस्ट्रिया यात्रा होगी। प्रधानमंत्री ने ऑस्ट्रिया को भारत का 'दृढ़ और विश्वसनीय साझेदार' बताया और कहा कि इस दौरे पर उन्हें राष्ट्रपति एलेक्जेंडर वान डेर बेलन और चांसलर कार्ल नेहमर से मिलने का अवसर मिलेगा।