Sri Lanka Crisis: लगातार बढ़ रहे विरोध प्रदर्शन की वजह से श्रीलंका (Sri Lanka) के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे (Gotabaya Rajpaksa) अपनी पत्नी समेत देश छोड़कर मालदीव (maldives) पहुंच गए हैं। इसके बाद श्रीलंका में इमरजेंसी लगा दी गई है। पिछले कुछ दिनों से श्रीलंका की जनता सड़कों पर उतर आई है और जबरदस्त विरोध प्रदर्शन कर रही है।
प्रधान मंत्री कार्यालय ने राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के देश छोड़ने के कुछ ही घंटों बाद पूरे देश में आपातकाल की घोषणा कर दी है।
प्रधानमंत्री के प्रवक्ता दीनौक कोलंबेज ने कहा, "चूंकि राष्ट्रपति देश से बाहर हैं। इसलिए देश में स्थिति से निपटने के लिए आपातकाल की घोषणा की गई है।"
द्वीप राष्ट्र एक गंभीर राजनीतिक और आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। आर्थिक परेशानियों से तंग आकर प्रदर्शनकारियों ने शनिवार को राष्ट्रपति के आधिकारिक पर भी हमला बोल दिया था। इस दौरान राष्ट्रपति को अपना घर छोड़ कर भागना पड़ और तब से वह किसी गुप्त जगह पर रह रहे थे।
2.2 करोड़ की आबादी वाला ये देश अब तक की सबसे दर्दनाक मंदी जूझ रहा है। इसी के चलते महीनों से जनता लंबे-लंबे ब्लैकआउट, तेजी से बढ़ती खाने और ईंधन की कमी, और महंगाई का सामना कर रही है।
माले पहुंचे राष्ट्रपति गोटाबाया
वहीं श्रीलंका के 73 साल के नेता राजपक्षे श्रीलंका छोड़ कर मालदीव की राजधानी माले पहुंच चुके हैं।
देश की अर्थव्यवस्था को न संभाल पाने के कारण अपने और अपने परिवार के खिलाफ बढ़ते जन आक्रोश के बीच राजपक्षे अपनी पत्नी और दो सुरक्षा अधिकारियों के साथ बुधवार को तड़के सेना के एक विमान से देश छोड़कर चले गए।
श्रीलंका की वायु सेना ने एक संक्षिप्त बयान में कहा कि राष्ट्रपति को संविधान के तहत मिली शक्ति के तहत राजपक्षे बुधवार को तड़के वायु सेना के एक विमान से मालदीव चले गए हैं।
मालदीव की राजधानी माले में सूत्रों ने बताया कि मजलिस (संसद) के अध्यक्ष नशीद ने राष्ट्रपति राजपक्षे को कोलंबो से निकलने में मदद की।