Sri Lanka Crisis: रानिल विक्रमसिंघे (President Ranil Wickremesinghe) ने आज गुरुवार को श्रीलंका के आठवें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ले ली। श्रीलंका के कार्यवाहक राष्ट्रपति और छह बार प्रधानमंत्री रह चुके 73 वर्षीय विक्रमसिंघे को चीफ जस्टिस जयंत जयसूर्या (Chief Justice Jayantha Jayasuriya) ने संसद परिसर में शपथ दिलाई। वह आज नया प्रधानमंत्री नियुक्त करेंगे।
श्रीलंका के सांसदों ने एक अभूतपूर्व कदम के तहत कार्यवाहक राष्ट्रपति एवं अनुभवी नेता रानिल विक्रमसिंघे को बुधवार को देश का नया राष्ट्रपति निर्वाचित किया था। इससे नकदी के संकट से जूझ रहे इस द्वीपीय देश को उबारने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के साथ चल रही वार्ता के जारी रहने की उम्मीद की जा सकती है। हालांकि इस घटनाक्रम ने सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों को नाराज कर दिया है। उन्होंने विक्रमसिंघे के इस्तीफे की अपनी मांग दोहराई है।
विक्रमसिंघे अपने पूर्ववर्ती गोटाबाया राजपक्षे के देश से चले जाने के बाद संसद द्वारा राष्ट्रपति निर्वाचित किए गए थे। राजपक्षे देश में ईंधन, दवा और भोजन जैसी आवश्यक चीजों की कमी के खिलाफ जारी प्रदर्शनों के बीच देश छोड़कर भाग गए थे।
श्रीलंका की 225 सदस्यीय संसद में विक्रमसिंघे को 134 वोट मिले, जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी एवं सत्तारूढ़ दल के असंतुष्ट नेता डलास अल्हाप्पेरुमा को 82 वोट मिले। वामपंथी जनता विमुक्ति पेरामुना (JVP) के नेता अनुरा कुमारा दिसानायके को महज तीन वोट मिले।
संसद अध्यक्ष महिंदा यापा अभयवर्धने द्वारा मतदान के परिणामों की घोषणा किए जाने के तुरंत बाद पूर्व राष्ट्रपति राजपक्षे के प्रमुख सहयोगी, राष्ट्रपति विक्रमसिंघे ने अपने भाषण में दो दावेदारों-डलास अल्हाप्पेरुमा और अनुरा कुमारा दिसानायके को धन्यवाद दिया तथा सांसदों से देश को और संकट से बचाने के लिए मिलकर काम करने का आग्रह किया।
विक्रमसिंघे ने शपथग्रहण समारोह से पहले कहा कि हम पिछले 48 घंटों से बंटे हुए थे। वह अवधि अब समाप्त हो गई है। हमें अब एकसाथ काम करना होगा। उन्होंने कहा कि अब चुनाव खत्म हो गया है तो हमें उस विभेद को खत्म करना होगा... अब से मैं आपसे बातचीत के लिए तैयार हूं। विक्रमसिंघे ने श्रीलंकाई तमिल नेताओं से राष्ट्र के पुनर्निर्माण में उनके साथ शामिल होने का आग्रह किया, जिनमें से कुछ उनकी उम्मीदवारी के विरोध में थे।
राजपक्षे तब मालदीव भाग गए थे जब हजारों प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति आवास और अन्य प्रतिष्ठित सरकारी भवनों पर धावा बोलकर उनके इस्तीफे की मांग की थी। मालदीव से वह सिंगापुर चले गए थे। नए राष्ट्रपति के पास पूर्व राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे का शेष कार्यकाल पूरा करने का जनादेश है। राजपक्षे का कार्यकाल नवंबर 2024 तक था।