Elon Musk ने शुक्रवार (8 जुलाई) को Twitter को 44 अरब डॉलर में खरीदने की डील रद्द करने का ऐलान किया। उन्होंने ट्विटर पर समझौते की शर्तों का पालन नहीं करने का आरोप लगाया है। इधर, Twitter ने कहा है कि वह मस्क के इस फैसले को कोर्ट में चुनौती देगी।
Elon Musk ने शुक्रवार (8 जुलाई) को Twitter को 44 अरब डॉलर में खरीदने की डील रद्द करने का ऐलान किया। उन्होंने ट्विटर पर समझौते की शर्तों का पालन नहीं करने का आरोप लगाया है। इधर, Twitter ने कहा है कि वह मस्क के इस फैसले को कोर्ट में चुनौती देगी।
Twitter के चेयरमैन Bret Taylor ने एक ट्वीट किया है। इसमें उन्होंने कहा है कि कंपनी के बोर्ड ने मस्क के फैसले के खिलाफ कोर्ट जाने का प्लान बनाया है। वह कोर्ट से इस डील के एग्रीमेंट को पूरा कराने की रिक्वेस्ट करेगी। उन्होंने लिखा है, "Twitter का बोर्ड मस्क के साथ जिस प्राइस और शर्तों पर सहमति बनी थी, उस पर इस ट्रांजेक्शन को पूरा करने के लिए वचनबद्ध है..."
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मस्क के वकील ने रेगुलेटरी फाइलिंग में कहा है कि प्लेटफॉर्म पर फेक या स्पैम अकाउंट्स के बारे में जानकारी देने के कई अनुरोध को पूरा करने में ट्विटर नाकाम रही। यह कंपनी के बिजनेस परफॉर्मेंस के लिए बहुत अहम है। फाइलिंग में यह भी कहा है कि ट्विटर एग्रीमेंट की कई शर्तों को पूरा करने में नाकाम रही।
मस्क की तरफ से रेगुलेटरी फाइलिंग में कहा गया है कि ऐसा लगता है कि ट्विटर ने झूठी और गलत जानकारियां दी, जिस पर भरोसा करने के बाद मस्क मर्जर एग्रीमेंट के लिए तैयार हो गए। मस्क ने ट्विटर को 44 अरब डॉलर में खरीदने का ऐलान इस साल अप्रैल में किया था।
माना जा रहा है कि मस्क को डील से पीछे हटने पर दोनों कंपनियों के बीच कानूनी लड़ाई शुरू होगी। यह काफी लंबी चल सकती है। Delaware Courts में आने वाले इस तरह के मामलों में ज्यादातर डील से जुड़ी कंपनियां फिर से बातचीत कर मसले का समाधान निकालती हैं। ऐसा कम ही होता है कि जज ट्रांजेक्शन को पूरा करने के आदेश देते हैं। इसकी वजह यह है कि जिस कंपनी को खरीदा जा रहा होता है, वह अपने भविष्य को लेकर अनिश्चितता खत्म करना चाहती है।
Twitter को उम्मीद है कि इस मामले में कोर्ट में कार्यवाही कुछ हफ्तों में शुरू हो सकती है। इस मामले के समाधान में कुछ महीनों का समय लग सकता है। ट्विटर से जुड़े सूत्रों ने यह जानकारी दी। डील की शर्तें फिर से तय होने के कई उदाहरण हैं।
2020 में कोरोना की महामारी शुरू होने के बाद आर्थिक गतिविधियां बिल्कुल ठप पड़ गईं। तब कई डील की शर्तें फिर से तय करने के बाद ट्रांजेक्शन पूरे किए गए। ऐसे ही एक मामले में फ्रांस की रिटेलिंग कंपनी LVMH ने Tiffany & Co के साथ हुई डील से पीछे हटने की धमकी दी थी। बाद में अमेरिकी ज्वेलरी कंपनी (Tiffany) डील की वैल्यू 4.25 करोड़ डॉलर घटाकर 15.8 अरब डॉलर करने को तैयार हो गई।
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