India-Russia Relations: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक बार फिर से भारत की जमकर तारीफ की है। पुतिन ने भारत की सराहना करते हुए उसे एक 'ग्रेट पावर' यानी महान शक्ति बताया है। साथ ही राष्ट्रपति ने भारतीय अर्थव्यवस्था, संस्कृति और भविष्य की संभावनाओं की जमकर तारीफ की है। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया की सबसे बड़ी बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। इससे पहले हाल ही में रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा था कि भारत एक महान शक्ति है, जो अपने राष्ट्रीय हितों का निर्धारण खुद करता है।
व्लादिमीर पुतिन ने एक बार फिर इस बात पर जोर दिया है कि भारत दशकों से एक 'स्वाभाविक सहयोगी' और साझेदार है। साथ ही उन्होंने भारत की स्वतंत्रता में सोवियत संघ की भूमिका पर भी प्रकाश डाला। गुरुवार (8 नवंबर) को सोची में वल्दाई डिस्कशन क्लब को संबोधित करते हुए पुतिन ने भारत को एक महान देश बताया और कहा कि मॉस्को और नई दिल्ली सभी क्षेत्रों में सहयोग बढ़ा रहे हैं।
TASS न्यूज आउटलेट के अनुसार, पुतिन ने वल्दाई डिस्कशन क्लब में कहा, "हम भारत के साथ अपने संबंधों को सभी दिशाओं में विकसित कर रहे हैं। भारत एक महान देश है। यह बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच आर्थिक विकास के मामले में अग्रणी है, जिसका सकल घरेलू उत्पाद 7.4 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर्ज करता है।" समाचार एजेंसी ने पुतिन के हवाले से कहा, "हमारे संबंधों का विकास कहां और किस गति से होगा। इस बारे में हमारा दृष्टिकोण आज की वास्तविकताओं पर आधारित है। हमारे सहयोग की मात्रा साल दर साल बढ़ रही है।"
पुतिन ने कहा कि द्विपक्षीय व्यापार कारोबार लगभग 60 बिलियन अमेरिकी डॉलर है। रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि भारत वैश्विक महाशक्तियों की सूची में शामिल होने का हकदार है। उन्होंने आगे बताया कि सुरक्षा क्षेत्र और रक्षा क्षेत्र में भारत और रूस के बीच संपर्क विकसित हो रहे हैं। पुतिन ने कहा, "देखें कि कितने प्रकार के रूसी सैन्य उपकरण भारतीय सशस्त्र बलों के साथ सेवा में हैं। इस रिश्ते में बहुत अधिक विश्वास है। हम भारत को केवल अपने हथियार नहीं बेचते हैं। हम उन्हें संयुक्त रूप से डिजाइन करने के लिए ज्वाइंट रिसर्च में लगे हुए हैं।"
ज्वाइंट मिलिट्री रिसर्च एंड डेवलपमेंट की तारीफ
उन्होंने भारत-रूस संयुक्त सहयोग के उदाहरण के रूप में ब्रह्मोस की ओर इशारा किया। पुतिन ने रूस और भारत के बीच ज्वाइंट मिलिट्री रिसर्च एंड डेवलपमेंट की तारीफ की। पुतिन ने कहा, "ब्रह्मोस सिस्टम का उपयोग हवा और समुद्र में किया जाता है और यह साझेदारी ऐसी चीज है जिसके बारे में लोग जानते हैं और यह उच्च स्तर के विश्वास और हमारी साझेदारी के उच्च स्तर को प्रमाणित करता है जो भविष्य में भी जारी रहने वाली है।" ब्रह्मोस का नाम भारत और रूस की ब्रह्मपुत्र और मोस्कवा नदियों के नाम पर रखा गया है। इसका गठन भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और रूस के एनपीओ मशीनोस्ट्रोयेनिया के बीच एक संयुक्त उद्यम के रूप में किया गया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले महीने रूस द्वारा आयोजित ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लिया था। प्रधानमंत्री मोदी ने जुलाई में 22वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए रूस का दौरा भी किया था। इस यात्रा के दौरान राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने दोनों देशों के बीच विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी के विकास और दोनों देशों के लोगों के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों के लिए प्रधानमंत्री मोदी को रूस के सर्वोच्च नागरिक सम्मान "ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल" से सम्मानित किया।