प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जयप्रकाश नारायण की जयंती के अवसर पर देश के किसानों को बड़ा दिवाली गिफ्ट देते हुए 35,440 करोड़ रुपये की दो अहम कृषि योजनाओं ‘दलहन आत्मनिर्भरता मिशन’ और ‘प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना’ की शुरुआत की है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जयप्रकाश नारायण की जयंती के अवसर पर देश के किसानों को बड़ा दिवाली गिफ्ट देते हुए 35,440 करोड़ रुपये की दो अहम कृषि योजनाओं ‘दलहन आत्मनिर्भरता मिशन’ और ‘प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना’ की शुरुआत की है।
किसानों के लिए ऐतिहासिक दिन
प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्ली में आयोजित विशेष कृषि कार्यक्रम में इन दोनों योजनाओं का शुभारंभ किया, जो किसानों की आय बढ़ाने, कृषि उत्पादकता में सुधार, तथा भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होंगी। इस अवसर पर कृषि, पशुपालन, मत्स्य पालन और खाद्य प्रसंस्करण से जुड़ी 5,450 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन भी किया गया, साथ ही 815 करोड़ रुपये मूल्य की अन्य परियोजनाओं की नींव डाली गई।
दलहन आत्मनिर्भरता मिशन का फोकस
11,440 करोड़ रुपये के बजट से शुरू हुआ ‘दलहन आत्मनिर्भरता मिशन’ 2030-31 तक देश में दलहन का उत्पादन 252.38 लाख टन से बढ़ाकर 350 लाख टन करने की महत्वाकांक्षी योजना है। इसका उद्देश्य दालों के आयात पर देश की निर्भरता खत्म करना है, जिससे देश को आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ किसानों को बेहतर लाभ मिलेगा।
प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना के खास प्रावधान
24,000 करोड़ रुपये की लागत वाली ‘प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना’ 100 कम प्रदर्शन करने वाले कृषि जिलों का कायाकल्प करेगी।
- इस योजना के तहत उत्पादकता वृद्धि, फसल विविधीकरण, सिंचाई एवं भंडारण सुविधा में सुधार और आसान ऋण उपलब्धता पर जोर रहेगा।
- इसका मकसद चयनित जिलों में किसानों को आधुनिक कृषि तकनीक और संसाधनों से जोड़कर उनकी किस्मत बदलना है।
नई परियोजनाएं और उपलब्धियां
कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने देशभर में कृत्रिम गर्भाधान केंद्र, उत्कृष्टता केंद्र, दूध पाउडर संयंत्र, आईवीएफ लैब और मत्स्य चारा संयंत्र जैसी कई परियोजनाओं का उद्घाटन किया।
- 10,000 किसान उत्पादक संगठनों (FPO) से 50 लाख किसान जुड़े हैं।
- सहकारी समितियों को डिजिटलीकृत करने, और जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए भी कई पहलियां शुरू की गईं।
किसानों की किस्मत बदलने की ओर कदम
प्रधानमंत्री मोदी ने इन योजनाओं को किसानों की आय दोगुनी करने, कृषि क्षेत्र में नवाचार बढ़ाने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने का सशक्त जरिया बताया। यह दोनों योजनाएं अगले रबी सीजन से लागू होकर 2030-31 तक देश के करोड़ों किसानों को सीधा लाभ पहुंचाएंगी।
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