Silver ETF: यूटीआई एसेट मैनेजमेंट कंपनी ने शनिवार को बताया कि UTI सिल्वर ETF फंड ऑफ फंड में नए लंप-सम और स्विच-इन इन्वेस्टमेंट को 13 अक्टूबर 2025 से अस्थायी रूप से रोक दिया गया है।
Silver ETF: यूटीआई एसेट मैनेजमेंट कंपनी ने शनिवार को बताया कि UTI सिल्वर ETF फंड ऑफ फंड में नए लंप-सम और स्विच-इन इन्वेस्टमेंट को 13 अक्टूबर 2025 से अस्थायी रूप से रोक दिया गया है।
कंपनी ने स्पष्ट किया कि यह कदम बाजार की मौजूदा स्थिति और देश में फिजिकल सिल्वर की कमी के कारण उठाया गया है। चांदी की कीमतें अंतरराष्ट्रीय स्तर की तुलना में प्रीमियम पर ट्रेड कर रही हैं। इसका असर फंड के वैल्यूएशन पर पड़ता है।
सिल्वर फंड में दूसरी रोक
इस हफ्ते यह दूसरा मौका है जब सिल्वर-बेस्ड फंड में नए निवेशों को रोका गया है। पहले गुरुवार को कोटक महिंद्रा एसेट मैनेजमेंट कंपनी ने भी सिल्वर ETF फंड ऑफ फंड में नए निवेश अस्थायी रूप से रोक दिए थे। कोटक ने कहा कि दिवाली के बाद आपूर्ति में सुधार आने पर यह प्रतिबंध हटाया जाएगा।
चांदी के दाम का रिकॉर्ड
स्पॉट सिल्वर ने गुरुवार को $51.22 प्रति औंस का नया रिकॉर्ड बनाया, जो पहली बार $51 प्रति औंस के स्तर से ऊपर गया। वहीं, भारतीय बाजार की बात करें, तो दिल्ली में चांदी का रेट शनिवार को 1,74,000 रुपये प्रति किलो पहुंच गया है। यह शुक्रवार की तुलना में चांदी 7,000 रुपये महंगी हुई है।
भारत में चांदी का प्रीमियम
भारत दुनिया का सबसे बड़ा चांदी उपभोक्ता है। यहां घरेलू कीमतों पर चांदी का प्रीमियम गुरुवार को लगभग 10% तक बढ़ गया, क्योंकि त्योहारी मांग काफी तेज थी और सप्लाई सीमित थी। बुलियन डीलर्स के मुताबिक निवेशक त्योहारी सीजन में चांदी खरीदने में तेजी दिखा रहे हैं।
चांदी की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं, इसके पीछे ज्वेलरी और इंडस्ट्रियल डिमांड का बढ़ना मुख्य कारण है। कुल मांग में इंडस्ट्रियल डिमांड का हिस्सा लगभग 60-70 प्रतिशत है।
MCX से अधिक प्रीमियम
ऑल इंडिया ज्वेलर्स एंड गोल्ड फेडरेशन (AIJGF) के राष्ट्रीय महासचिव और KediaFintech.com के फाउंडर नितिन केडिया के मुताबिक, भारत का चांदी बाजार फिलहाल हैरतंगेज तेजी का सामना कर रहा है। इसके पीछे मुख्य वजह मजबूत फिजिकल डिमांड और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ता प्रीमियम है।
केडिया ने बताया, 'ETF की बढ़ती मांग ने फिजिकल मार्केट में चांदी के दामों को काफी ऊपर पहुंचा दिया है। भारत के थोक बाजारों में चांदी, MCX रेट से करीब ₹20,000 प्रति किलो महंगी बिक रही है। वहीं, COMEX फ्यूचर और स्पॉट मार्केट के बीच 250 सेंट का अंतर अब तक का सबसे ऊंचा है, जो सप्लाई संकट को दिखाता है।'
चांदी की ओर बढ़ रहा झुकाव
केडिया का कहना है कि गोल्ड-सिल्वर रेशियो 78.80 तक गिर चुका है। यह दिखाता है कि निवेशकों का झुकाव तेजी से चांदी की ओर बढ़ रहा है।
उन्होंने कहा, 'मार्केट में ऐसा माहौल है जैसे फिजिकल चांदी जल्दी ही खत्म हो जाएगी। कुछ लोग गोल्ड को मॉर्गेज कर चांदी खरीद रहे हैं, और कुछ घर बनाने के फंड्स को भी इस धातु में शिफ्ट कर रहे हैं। यह रुझान जितना रोमांचक है, उतना ही जोखिमभरा भी है।'
मौजूदा रेट पर खरीदारी से बचें
केडिया ने निवेशकों को सलाह दी कि लॉन्ग टर्म में चांदी की दिशा सकारात्मक दिख रही है, लेकिन मौजूदा ऊंचे स्तरों पर भावनात्मक खरीदारी से बचना चाहिए। उन्होंने कहा, 'इस तेजी की स्थिरता आगे चलकर इंडस्ट्रियल डिमांड, ETF इनफ्लो और ग्लोबल मौद्रिक नीतियों पर निर्भर करेगी।'
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