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Ukraine Peace Talks: यूक्रेन में शांति के लिए अमेरिका और रूस के बीच हुई बैठक में नहीं हो पाया कोई समझौता, पुतिन ने ट्रंप के दूतों से की बड़ी डिमांड

US Peace Plan For Russia: यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की कहा है कि यूक्रेन को किसी भी बातचीत से बाहर नहीं रखा जा सकता।' इस बैठक पर उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा मायने रखता है पारदर्शिता, 'कि यूक्रेन की पीठ पीछे कोई खेल न हो। हमारे बारे में, हमारे भविष्य के बारे में, यूक्रेन के बिना कुछ भी तय न हो'

Curated By: Abhishek Guptaअपडेटेड Dec 03, 2025 पर 8:41 AM
Ukraine Peace Talks: यूक्रेन में शांति के लिए अमेरिका और रूस के बीच हुई बैठक में नहीं हो पाया कोई समझौता, पुतिन ने ट्रंप के दूतों से की बड़ी डिमांड
चर्चा के बाद क्रेमलिन के वरिष्ठ सहयोगी यूरी उशाकोव ने स्वीकार किया कि बातचीत में सबसे विवादास्पद बिंदुओं का समाधान नहीं हो पाया है

Ukraine Peace Talks: यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने की दिशा में प्रयासों को मंगलवार को एक और बड़ा झटका लगा है। क्रेमलिन ने पुष्टि की है कि अमेरिकी प्रतिनिधियों के साथ उच्च-स्तरीय चर्चाओं में क्षेत्र के केंद्रीय मुद्दे पर 'कोई समझौता' नहीं हो पाया है, हालांकि इन वार्ताओं को उपयोगी बताया गया है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने क्रेमलिन में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दामाद जेरेड कुशनर और विशेष दूत स्टीव विटकॉफ की मेजबानी की। यह बैठक वाशिंगटन के संशोधित शांति प्रस्ताव पर चर्चा के लिए हुई।

क्या है क्रेमलिन का रुख?

चर्चा के बाद क्रेमलिन के वरिष्ठ सहयोगी यूरी उशाकोव ने स्वीकार किया कि बातचीत में सबसे विवादास्पद बिंदुओं का समाधान नहीं हो पाया है। उन्होंने कहा, 'फिलहाल हमें कोई समझौता नहीं मिला है, लेकिन कुछ अमेरिकी समाधानों पर चर्चा की जा सकती है।' हालांकि, उशाकोव ने बैठक को उपयोगी बताते हुए कहा कि दोनों पक्ष और दूर नहीं हुए हैं, लेकिन उन्होंने जोड़ा कि 'कुछ प्रस्तावित सूत्र हमें फिट नहीं बैठते हैं, और काम जारी रहेगा।' उशाकोव ने बताया कि संशोधित अमेरिकी योजना को चार खंडों में विभाजित किया गया था और यह लगभग पांच घंटे की बातचीत का आधार बनी। पुतिन ने 'कई प्रस्तावों पर हमारे आलोचनात्मक, यहां तक कि नकारात्मक रुख को नहीं छिपाया।'

बैठक में पुतिन ने मांग की है कि कीव उन क्षेत्रों को छोड़ दे जिन पर मॉस्को अपना दावा करता है। क्रेमलिन ने युद्धविराम को लागू करने या उसकी देखरेख में यूरोपीय सेनाओं की किसी भी भूमिका को भी खारिज कर दिया है।

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