हफ्ते में 4 दिन (4 Days working and 3 Day off) काम करना और 3 की छुट्टी का फॉर्मूला काफी सफल साबित हुआ है। यही कारण है कि इंग्लैंड की 61 कंपनियां इसे लागू करने जा रही है। दुनिया के सबसे बड़े चार दिन काम करने के ट्रायल के बाद कंपनियों ने पाया कि इससे प्रोडक्टिविटी बेहतर होती है। 4 दिन काम करने क ट्रॉयल 6 हफ्ते तक किया गया। अब कंपनियां स्थायी तौर पर 4 दिन काम करने के फॉर्मूला को अपनाना चाहती है। ब्रिटेन में 61 कंपनियों के कर्मचारियों ने जून और दिसंबर 2022 तक हफ्ते में 34 घंटे काम किया। रिसर्च के मुताबिक इनमें से 56 कंपनियों यानी 92 फीसदी ने इसे जारी रखने के ऑप्शन को चुना है। जबकि, 18 कंपनियों ने इसे स्थायी तौर पर 4 दिन काम करने की व्यवस्था कर दी है।
कर्मचारियों की प्रोडक्टिविटी में हुआ सुधार
4 डे वीक की पब्लिश की रिपोर्ट में कहा गया है कि छह महीने ट्रायल पीरियड में कर्मचारियों के तनाव और बर्नआउट में काफी कमी आई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 71 प्रतिशत कर्मचारियों ने माना की उनका बर्नआउट लेवल काफी कम रहा है। यही नहीं चिंता, थकान और नींद के कमी की शिकायत नहीं रही। इसके अलावा मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य दोनों में सुधार हुआ।
रिसर्च में 2900 कर्मचारी हुए शामिल
ब्रिटिश की रिसर्च ऑर्गनाइजेशन ने कुछ अन्य ग्रुप के साथ मिलकर ये रिसर्च की है। न्यूजीलैंड के 4 दिन वर्किंग कल्चर का समर्थन करते हुए इस रिपोर्ट को जारी किया है। इसमें अलग-अलग सेक्टर के करीबन 2,900 कर्मचारी शामिल हुए।
कर्मचारियों के वर्क लाइफ बैलेंस में हुआ सुधार
कर्मचारियों के वर्क लाइफ बैलेंस में सुधार हुआ है। इससे वह अपने परिवार और सामाजिक जिम्मेदारियों को आसानी से निभा सकें हैं। अपने फाइनेंस के बीच परिवार और रिश्तों के लिए समय निकाल पाएं हैं। ट्रायल के दौरान कंपनियों ने पाया कि इससे उनके रेवेन्यू में औसत 1.4 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
कर्मचारियों ने स्वीकारा 4 दिन काम करना बेहतर
4 दिन वर्किंग के ट्रायल को लेकर इस ट्रॉयल के निदेशक जो रेले ने कहा कि चार दिन काम करने के ट्रायल का ये महत्वपूर्ण पल है। पंद्रह प्रतिशत कर्मचारियों ने कहा कि कितना भी पैसा उन्हें हफ्ते में 4 दिन की जगह 5 दिन काम करने के शेड्यूल को स्वीकार करने के लिए प्रेरित नहीं करेगा। जबकि, वह पहले से 5 दिन काम करने के आदी थे।