8th Pay Commission: केंद्र सरकार ने हाल ही में 8वें वेतन आयोग के लिए टर्म्स ऑफ रेफरेंस (ToR) जारी किए हैं और साथ ही इसके लिए चेयरमैन और दो सदस्यों की नियुक्ति भी कर दी है। लेकिन सरकार के इस फैसले से बड़ी संख्या में रिटायर्ड कर्मचारियों में नाराजगी है। खासकर All India Defence Employees Federation (AIDEF) ने इस पर आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि 8th CPC के ToR में 69 लाख पेंशनर्स और फैमिली पेंशनर्स की पेंशन रिविजन को बिल्कुल शामिल नहीं किया गया है, जो अनुचित है।
AIDEF के जनरल सेक्रेटरी सी श्रीकुमार ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को एक पत्र लिखकर 8th CPC के ToR में जरूरी बदलाव की मांग की है। इस पत्र की एक कॉपी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को भी भेजी गई है। उनका कहना है कि इतने बड़े वर्ग को बाहर रखना न केवल गलत है बल्कि उन लोगों के साथ अन्याय है जिन्होंने 30–35 साल देश की सेवा की है।
7th CPC और 8th CPC के ToR में बड़ा अंतर
8th CPC का ToR
इसमें केवल इतना लिखा है कि सैलरी स्ट्रक्चर ऐसी होनी चाहिए जिससे टैलेंट आकर्षित हो और कामकाज में दक्षता बने। AIDEF का कहना है कि सरकार को 8th CPC के ToR को 7th CPC जैसा होना चाहिए जिसमें सभी को शामिल किया जा सकता है।
ओल्ड पेंशन सिस्टम (OPS) बहाल करने की मांग
पत्र में यह भी लिखा गया है कि देशभर में 26 लाख से ज्यादा केंद्रीय कर्मचारी NPS को हटाकर ओल्ड पेंशन सिस्टम (OPS) बहाल करने की मांग कर रहे हैं। लेकिन 8th Pay Commission के ToR में OPS से जुड़ा एक भी शब्द नहीं है। AIDEF ने जोर देकर कहा कि OPS को ToR में शामिल किया जाना चाहिए ताकि इस लंबे समय से चल रही मांग पर आगे कार्रवाई हो सके।
69 लाख पेंशनर्स को बाहर रखना अनुचित: AIDEF
सबसे बड़ा विवाद इस बात पर है कि 69 लाख पेंशनर्स और फैमिली पेंशनर्स को 8th CPC की सीमा से बाहर रखा गया है। AIDEF का कहना है कि पेंशन रिविजन हर पेंशनर का अधिकार है। उम्र के अंतिम पड़ाव पर उन्हें नजरअंदाज करना गलत है। 7th CPC में पुराने पेंशनरों की पेंशन रिविजन के लिए साफ प्रावधान था, लेकिन 8th CPC में ऐसा कुछ नहीं है।
AIDEF ने सरकार से अनुरोध किया है कि 1 जनवरी 2026 से पहले रिटायर हुए सभी कर्मचारियों की पेंशन रिविजन को ToR में शामिल किया जाए। साथ ही 11 साल बाद कम्यूटेशन बहाल करने और हर 5 साल में 5% अतिरिक्त पेंशन देने जैसी मांगें भी दोहराई गई हैं।
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