8th Pay Commission: 'मौजूदा DA को मूल वेतन से मिलाने का प्लान नहीं', सरकार ने किया साफ; जानिए क्या होगा इसका असर

8th Pay Commission: सरकार ने साफ कर दिया है कि DA-DR को बेसिक वेतन में नहीं जोड़ा जाएगा। इससे 8वें वेतन आयोग की भूमिका और अहम हो जाती है। क्या इससे कर्मचारियों की सैलरी बढ़ोतरी का पूरा खेल बदल जाएगा? जानिए इसका सीधा असर और आगे की तस्वीर।

अपडेटेड Dec 01, 2025 पर 5:05 PM
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सरकार ने साफ किया है कि अभी DA और DR को बेसिक पे में नहीं जोड़ा जाएगा।

8th Pay Commission: केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने सोमवार को बताया कि सरकार ने 8वें केंद्रीय वेतन आयोग के गठन को आधिकारिक रूप से अधिसूचित कर दिया है। साथ ही, उन्होंने स्पष्ट कहा कि फिलहाल महंगाई भत्ता (DA) या महंगाई राहत (DR) को बेसिक पे में मिलाने का कोई प्रस्ताव नहीं है। महंगाई के असर को देखते हुए DA/DR की दरें हर छह महीने में AICPI-IW इंडेक्स के आधार पर रिवाइज्ड की जाती हैं।

पहले अनुमान लगाया जा रहा था कि 2026 से शायद DA और DR में बढ़ोतरी न करे। और इन्हें 8वें वेतन आयोग में मिलाकर मर्ज कर दे। लेकिन, अब सरकार के बयान से साफ है कि कर्मचारियों और पेंशनर्स को महंगाई भत्ता पहले की तरह मिलता रहेगा। यह AICPI-IW इंडेक्स के आधार पर हर छह महीने में बढ़ता भी रहेगा।

सरकारी कर्मचारियों के लिए इसका मतलब


सरकार ने साफ किया है कि अभी DA और DR को बेसिक पे में नहीं जोड़ा जाएगा। इसका असर यह है कि कर्मचारियों की सैलरी अभी अपनी मौजूदा स्ट्रक्चर में ही चलेगी, यानी बेसिक पे वही रहेगा और सिर्फ DA/DR हर छह महीने में थोड़ा-थोड़ा बढ़ता रहेगा।

हालांकि, जब DA बेसिक में नहीं जुड़ता, तो सैलरी की असल बढ़ोतरी नहीं होती। क्योंकि पेंशन, PF, HRA जैसी कई अहम चीजें बेसिक पे पर ही निर्भर करती हैं। इसलिए 8वें वेतन आयोग की अहमियत और बढ़ जाती है। क्योंकि वास्तविक और बड़ी सैलरी बढ़ोतरी अब आयोग की सिफारिशों से ही होगी, न कि DA को बेसिक में जोड़कर।

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DA-DR की मौजूदा स्थिति

फिलहाल केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए DA/DR की दर 55% है। दिवाली से पहले सरकार ने इसमें 3% की बढ़ोतरी की थी। DA कर्मचारियों को जबकि DR पेंशनर्स को मिलता है। 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें 50 लाख से ज्यादा कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनर्स पर सीधा असर डालेंगी।

8th Pay Commission कब लागू होगा?

सरकार ने इस साल जनवरी में 8वां वेतन आयोग घोषित किया था, क्योंकि 7वां वेतन आयोग अपना 10 साल का कार्यकाल पूरा कर रहा है। जस्टिस (सेवानिवृत्त) रंजन देसाई की अगुवाई में बना आयोग 18 महीनों में अपनी सिफारिशें देने की उम्मीद है।

सैद्धांतिक रूप से 2026 ही नया वेतन लागू होने का साल है। लेकिन, रिपोर्ट्स बताती हैं कि नियुक्तियों में देरी, ToR की अस्पष्टता और लंबी प्रक्रिया के कारण लागू होने में कम से कम दो साल की देरी हो सकती है।

ToR पर उठी आपत्तियां

कर्मचारी संगठनों का कहना है कि आयोग के Terms of Reference में 69 लाख पेंशनर्स को शामिल नहीं किया गया है। साथ ही, नए वेतन लागू होने की तारीख का भी जिक्र नहीं है। पहले के वेतन आयोगों में यह जानकारी स्पष्ट होती थी। यूनियनों ने ToR में संशोधन की मांग की है, लेकिन अब तक सरकार ने कोई टिप्पणी नहीं की है।

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Fitment Factor: क्या उम्मीद है?

NC-JCM के प्रतिनिधियों का कहना है कि फिटमेंट फैक्टर की सिफारिशें 7वें वेतन आयोग जैसी हो सकती हैं। Ambit Capital की रिपोर्ट फिटमेंट फैक्टर को 1.83 से 2.46 के दायरे में मानकर चल रही है।

अगर ऐसा होता है, तो न्यूनतम वेतन ₹18,000 से बढ़कर ₹32,940 से ₹44,280 के बीच पहुंच सकता है।

  • 1.83 फैक्टर → लगभग ₹32,940
  • 2.46 फैक्टर → लगभग ₹44,280

8वां वेतन आयोग वेतन, पेंशन और भत्तों में बदलाव लाएगा। इससे लाखों लोगों को सीधा फायदा होगा।

वेतन कितना बढ़ सकता है

Ambit की रिपोर्ट के अनुसार कुल वास्तविक वेतन (Basic + DA) में 14% से 54% तक बढ़ोतरी मुमकिन है। हालांकि, 54% जैसे बड़े उछाल की संभावना कम है, क्योंकि इससे सरकार पर भारी वित्तीय बोझ पड़ेगा। रिपोर्ट यह भी कहती है कि सरकार चाहे तो वेतन बढ़ोतरी को खपत बढ़ाने वाले उपाय के तौर पर इस्तेमाल कर सकती है।

अलग-अलग पे ग्रेड के अनुमान

कई ग्रेड पे के लिए फिटमेंट फैक्टर 1.92 और 2.57 मानकर संभावित वेतन वृद्धि के अनुमान जारी किए गए हैं। जैसे कि 1900, 2400, 4600, 7600 और 8900। इनमें HRA (24%), TA (₹3,600–₹7,200), NPS (10% बेसिक) और CGHS के मौजूदा शुल्क को शामिल किया गया है।

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