Aadhaar card update: ऑफलाइन वेरिफिकेशन नियम में क्या बदलाव हुआ, जानिए कैसे काम करेगा AVC सिस्टम

Aadhaar card update: UIDAI ने आधार वेरिफिकेशन नियमों में बड़ा बदलाव करते हुए Aadhaar Verifiable Credential (AVC) लॉन्च किया है। अब ऑफलाइन वेरिफिकेशन में पूरा आधार नंबर साझा नहीं करना पड़ेगा। नया ऐप, फेस वेरिफिकेशन और OVSE रजिस्ट्रेशन सिस्टम सुरक्षा को और मजबूत करेंगे। जानिए डिटेल।

अपडेटेड Dec 14, 2025 पर 8:14 PM
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नए बदलाव में एक नई सुविधा ऑफलाइन फेस वेरिफिकेशन को भी शामिल किया गया है।

Aadhaar card update: UIDAI ने आधार से जुड़े नियमों में बदलाव करते हुए Aadhaar Verifiable Credential यानी AVC की शुरुआत की है। यह एक नया डिजिटल आईडी विकल्प है। इसका मकसद ऑफलाइन पहचान सत्यापन को ज्यादा सुरक्षित बनाना और गैरजरूरी डेटा शेयरिंग को कम करना है।

ये बदलाव 9 दिसंबर को अधिसूचित किए गए और UIDAI की वेबसाइट पर शुक्रवार को जारी किए गए। इसके साथ ही उन संस्थाओं के नियम भी अपडेट किए गए हैं जो बिना रियल-टाइम UIDAI सर्वर एक्सेस के आधार वेरिफिकेशन करती हैं।

AVC क्या है और इसे क्यों लाया गया?


AVC एक डिजिटल रूप से साइन किया गया डॉक्यूमेंट है जिसमें आधार नंबर के केवल अंतिम चार अंक, नाम, पता, जन्मतिथि, लिंग और फोटो जैसी सीमित जानकारी शामिल हो सकती है। सबसे अहम बात यह है कि आधार धारक खुद तय कर सकेगा कि वह वेरिफिकेशन के दौरान कौन-सी जानकारी साझा करना चाहता है।

UIDAI का नया आधार ऐप यूजर को यह विकल्प देगा कि वेरिफिकेशन करने वाली संस्था के साथ कौन-सी जानकारी साझा करनी है और कौन-सी नहीं। इसका मकसद आधार नंबर को छुपाते हुए सुरक्षित पहचान सत्यापन को सक्षम बनाना है।

ऑफलाइन फेस वेरिफिकेशन भी जोड़ा गया

नए बदलाव में एक नई सुविधा ऑफलाइन फेस वेरिफिकेशन को भी शामिल किया गया है। इसके तहत वेरिफिकेशन करने वाली संस्था लाइव चेहरे की फोटो को आधार ऐप में मौजूद फोटो से मैच कर सकेगी। इसके लिए इंटरनेट कनेक्शन की जरूरत नहीं होगी।

UIDAI ने ‘Aadhaar Application’ शब्द की नई परिभाषा भी जोड़ी है। इसमें UIDAI के सभी ऐप और पोर्टल शामिल होंगे। पहले के नियमों में मौजूद mAadhaar का स्पष्ट संदर्भ अब हटा दिया गया है। क्योंकि नया ऐप आधार के डिजिटल इस्तेमाल को और आसानी से सक्षम करेगा।

फिजिकल से डिजिटल आधार की ओर कदम

UIDAI इन बदलावों के जरिए फिजिकल आधार कार्ड और उसकी फोटोस्टेट कॉपी पर निर्भरता को कम करना चाहता है। UIDAI के CEO भुवनेश कुमार पहले ही कह चुके हैं कि फिजिकल कॉपियों के गलत उपयोग का जोखिम हमेशा रहता है। इसलिए डिजिटल-फर्स्ट पहचान की दिशा में यह बदलाव जरूरी है।

OVSE के लिए नया रजिस्ट्रेशन सिस्टम लागू

UIDAI ने पहली बार उन संस्थाओं के लिए एक औपचारिक रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू की है, जो Aadhaar Verifiable Credential या Aadhaar Paperless Offline e-KYC का उपयोग करके पहचान सत्यापन करना चाहती हैं। नया नियम 13A कहता है कि जो भी संस्था ऑफलाइन वेरिफिकेशन करना चाहती है, उसे UIDAI से रजिस्ट्रेशन कराना होगा।

UIDAI को यह अधिकार भी दिया गया है कि वह आवेदन की जांच करे, अतिरिक्त जानकारी मांगे, रजिस्ट्रेशन मंजूर या अस्वीकार करे और रजिस्ट्रेशन या ट्रांजैक्शन फीस तय करे। अगर UIDAI आवेदन अस्वीकार करता है तो उसे 15 दिन में कारण बताना होगा, और संस्था 30 दिन के भीतर पुनर्विचार के लिए आवेदन कर सकती है।

नियमों के उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई

UIDAI अब उन संस्थाओं पर कार्रवाई कर सकेगा जो ऑफलाइन आधार वेरिफिकेशन में लापरवाही, गलत उपयोग या निर्देशों का पालन न करने जैसी स्थितियां पैदा करती हैं।

अगर कोई संस्था जरूरी प्रक्रिया या मानकों का पालन नहीं करती, गलत उद्देश्यों के लिए वेरिफिकेशन का इस्तेमाल करती है, जानकारी छुपाती है या ऑडिट में सहयोग नहीं करती, तो UIDAI उस पर जुर्माना लगा सकता है, रजिस्ट्रेशन रद्द कर सकता है या वेरिफिकेशन की अनुमति निलंबित कर सकता है।

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