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क्या आपको भी ATM से पैसे निकालने में दिक्कत आई है? AGS Transact दिवालिया हुई तो बढ़ सकता है रिस्क

एजीएस ट्रांजेक्ट टेक्नोलॉजीज कई बड़ें बैंकों को एटीएम कैश मैनेजमेंट सेवाएं देती है। कंपनी की वित्तीय स्थिति काफी खराब है। इसके एंप्लॉयीज को समय पर सैलरी तक नहीं मिल पा रही है। अगर कंपनी की स्थिति ठीक नही होती है तो कई बड़े बैकों के एटीएम में कैश की कमी पैदा हो सकती है

अपडेटेड Feb 14, 2025 पर 1:17 PM
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क्रिसिल रेटिंग की रिपोर्ट के मुताबिक, एजीएस ट्रांजेक्ट के पास पिछले साल 31 मार्च तक करीब 3,800 एटीएम और कैश रिसाइकिल मशीन (CRM) का नेटवर्क था।

क्या एटीएम से पैसे निकालने में दिक्कत आई है? कुछ दिन पहले कुछ जगहों पर आईसीआईसीआई बैंक के एटीएम में पर्याप्त कैश नहीं होने की फोटो इंटरनेट पर वायरल हुई थी। दरअसल, एजीएस ट्रांजेक्ट टेक्नोलॉजीज के एंप्लॉयीज ने एटीएम मशीन में कैश डालने से इनकार किया था, जिससे समस्या पैदा हुई थी। एटीएम ट्रांजेक्ट के एंप्लॉयीज को कई महीने से सैलरी नहीं मिली है। इसके विरोध में उन्होंने कैश डालने से इनकार कर दिया। आइए जानते हैं यह पूरा मामला क्या है।

एजीएस ट्रांजेक्ट में रवि गोयल की 60 फीसदी हिस्सेदारी

AGS Transact रवि गोयल की कंपनी है। कंपनी में उनकी 60.5 फीसदी हिस्सेदारी है। यह कैश मैनेजमेंट सेवाएं देने वाली इंडिया की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक है। करीब 15 फीसदी बाजार हिस्सेदारी वाली यह कंपनी दिवालिया होने के कगार पर है। इस मामले से जुड़े लोगों ने यह जानकारी दी है। बैंक इस कंपनी को नॉन-परफॉर्मिंग एसेट (NPA) घोषित कर सकते हैं। अगर ऐसा होता है तो एजीएस ट्रांजेक्ट के दिवालया होने का खतरा बढ़ जाएगा।


कंपनी को एक साल से कैश की दिक्कत 

एजीएस ट्रांजेक्ट के क्लाइंट्स का कहना है कि कंपनी करीब एक साल से पैसे की दिक्कत का सामना कर रही है। गोयल के 10 फीसदी शेयर पहले से ही बैंकों के पास गिरवी रखे हुए हैं। बैंक के एक सीनियर अफसर ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर कहा, "ग्राहकों से हमें शिकायतें मिलती हैं कि एटीएम में पर्याप्त पैसे नहीं होते हैं। जब हमने इसकी जांच की तो पाया कि इन एटीएम में पैसे नहीं डाले जा रहे थे। बाद में हमने पाया कि यह समस्या ज्यादातर उन एटीएम के साथ थी, जिनमें पैसे डालने की जिम्मेदारी एटीएस ट्रांजेक्ट पर है।"

1000-1500 करोड़ रुपये का कैश खतरे में

इंडस्ट्री के सूत्रों का कहना है कि करीब 1,000-1,500 करोड़ कैश इनवेंट्री के लिए रिस्क बढ़ सकता है, क्योंकि इसे एटीएम में नहीं डाला गया है। मनीकंट्रोल इस दावे की स्वतंत्र रूप से वेरिफाइ नहीं कर सका है। एक दूसरे प्राइवेट बैंक के सीनियर अफसर ने कहा कि दिसंबर में डिफॉल्ट बढ़ना शुरू हो गया। तब जाकर बैंकों ने इस बारे में RBI को बताना शुरू किया। बैंकों को सर्विस से जुड़ी किसी तरह की प्रॉब्लम के बारे में आरबीआई को बताना जरूरी है।

कई दिग्गज बैंक कंपनी के क्लाइंट्स

क्रिसिल रेटिंग की रिपोर्ट के मुताबिक, एजीएस ट्रांजेक्ट के पास पिछले साल 31 मार्च तक करीब 3,800 एटीएम और कैश रिसाइकिल मशीन (CRM) का नेटवर्क था। कंपनी का कैश मैनेजमेंट बिजनेस उसकी सब्सिडियरी Securevalue India Limited के पास है। कंपनी के क्लाइंट्स में कई दिग्गज बैंक शामिल हैं। इनमें ICICI Bank, Axis Bank, HDFC Bank और State Bank of India प्रमुख हैं।

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बैंकों ने एजीएस ट्रांजेक्ट को कैश देना बंद किया

एक बड़े बैंक के एग्जिक्यूटिव ने बताया कि आरबीआई को इस मामले की जानकारी मिल चुकी है। हमारे लिए इस समस्या के बारे में रेगुलेटर को बताना जरूरी था, क्योंकि हम दूसरे सर्विस प्रोवाइडर की सेवाएं नहीं ले सकते। ऐसा करने के लिए हमें आरबीआई को कारण बताना होगा। फिलहाल ज्यादातर बैंकों ने एजीएस ट्रांजेक्ट को कैश देना बंद कर दिया है।

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