Vridha pension: अब 60 साल का होते ही बुजर्गों को मिलने लगेगी पेंशन, आवेदन करने की नहीं होगी जरूरत

Vridha pension: उत्तर प्रदेश सरकार अब 60 साल पूरा होते ही बुजुर्गों को बिना आवेदन पेंशन देगी। फैमिली आईडी से पात्रता अपने आप तय होगी और सहमति मिलते ही 15 दिनों में पेंशन मंजूर होकर आधार लिंक्ड बैंक खाते में भेजी जाएगी। समझिए इसका पूरा प्रोसेस।

अपडेटेड Nov 17, 2025 पर 6:27 PM
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नई डिजिटल व्यवस्था में पात्र बुजुर्गों की पहचान अपने आप हो जाएगी।

Vridha pension: उत्तर प्रदेश सरकार बुजुर्गों को मिलने वाली पेंशन प्रक्रिया में बड़ा बदलाव करने जा रही है। पिछले दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में वृद्धा पेंशन प्रणाली को डिजिटल तरीके से सुधारने का प्रस्ताव मंजूर किया गया। सरकार के मुताबिक, नई व्यवस्था पात्र लाभार्थियों की पहचान और उन्हें सीधे पेंशन देने की प्रक्रिया को आसान बनाएगी।

अब पेंशन के लिए अलग से आवेदन नहीं

नई डिजिटल व्यवस्था में बुजुर्गों को पेंशन के लिए अलग से आवेदन देने की जरूरत नहीं पड़ेगी। लाभार्थियों की पहचान उनके फैमिली आईडी के आधार पर ही हो जाएगी। जिन लोगों को पेंशन मिलेगी, उनसे सरकार की ओर से सहमति (consent) मांगी जाएगी।


जैसे ही वे सहमति देंगे, पेंशन स्वीकृत कर दी जाएगी। यह जानकारी सामाजिक कल्याण मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण ने समाचार एजेंसी PTI को दी है।

फैमिली आईडी क्या है?

राज्य सरकार ने जुलाई 2022 में ‘एक परिवार, एक पहचान’ के तहत फैमिली आईडी योजना शुरू की थी। इसका मकसद पूरे प्रदेश के परिवारों का एक भरोसेमंद डेटाबेस बनाना है ताकि सभी को सरकारी योजनाओं का लाभ बिना किसी परेशानी के मिले।

  • फैमिली आईडी एक 12-अंकों का यूनिक नंबर होता है।
  • यह परिवार के राशन कार्ड और अन्य सरकारी डेटाबेस को जोड़ देता है।
  • इससे पात्र परिवारों और उनके व्यक्तिगत लाभार्थियों की पहचान करना आसान हो जाता है।
  • इस परिवार में कमाने वाला सदस्य, उसकी पत्नी/पति, बच्चे, माता-पिता, भाई-बहन और आश्रित सभी शामिल माने जाते हैं।

ऐसे होगी बुजुर्गों की पहचान

  • सरकार इस फैमिली आईडी सिस्टम के जरिए यह ट्रैक करेगी कि कौन-से लोग 60 वर्ष की उम्र के करीब पहुंच रहे हैं।
  • जिनकी उम्र 60 साल के आसपास होगी, उन्हें सरकार की तरफ से SMS, वॉट्सऐप संदेश या फोन कॉल के जरिए सहमति मांगी जाएगी।
  • अगर इन तरीकों से जवाब नहीं मिलता, तो स्थानीय अधिकारी और सहायकों को उनके घर भेजकर सहमति ली जाएगी।
  • डिजिटल या प्रत्यक्ष तरीके से सहमति मिलते ही पेंशन स्वीकृति की प्रक्रिया 15 दिनों के भीतर पूरी कर दी जाएगी।
  • पेंशन मंजूर होने के बाद पैसा सीधे आधार-लिंक्ड बैंक खाते में भेज दिया जाएगा।

उत्तर प्रदेश की वृद्धावस्था पेंशन क्या देती है?

वृद्धावस्था पेंशन आर्थिक रूप से कमजोर वरिष्ठ नागरिकों के लिए सरकार की एक कल्याण योजना है। इसके तहत राज्य सरकार हर पात्र बुजुर्ग को 1,000 रुपये मासिक पेंशन सीधे बैंक खाते में भेजती है। इस योजना का लाभ महिला और पुरुष, दोनों उठा सकते हैं।

वृद्धावस्था पेंशन के लिए कौन पात्र है?

  • पेंशन के लिए आवेदन करने वाले की आयु 60 से 150 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
  • वह गरीबी रेखा के नीचे आता हो या उसकी वार्षिक आय तय सीमा से अधिक न हो।
  • ग्रामीण क्षेत्र के लिए यह सीमा अधिकतम ₹46,080 और शहरी क्षेत्र के लिए ₹56,460 है।

इस समय व्यवस्था यह है कि लाभार्थियों को ऑनलाइन आवेदन करना होता है, फॉर्म भरना पड़ता है। फिर उम्र, आय और पहचान के दस्तावेज जमा करने होते हैं। इसके बाद उनका पेंशन आवेदन मंजूर होता है।

नई प्रणाली बुजुर्गों के लिए क्यों आसान होगी?

नई डिजिटल व्यवस्था में पात्र बुजुर्गों की पहचान अपने आप हो जाएगी। उन्हें फॉर्म भरने, दस्तावेज चढ़ाने या कार्यालयों के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

इससे पेंशन प्रक्रिया काफी आसान और तेज हो जाएगी। खासकर उन बुजुर्गों के लिए जिन्हें आवेदन प्रक्रिया में दिक्कत होती है।

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