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AYUSH Health Insurance: आयुर्वेद, योग और होम्योपैथी से इलाज कराने पर मिलेगा बीमा कवर? जानिए क्या हैं नियम

AYUSH Health Insurance: अब आयुर्वेद, योग और होम्योपैथी जैसी पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों को भी हेल्थ इंश्योरेंस कवर में शामिल किया जा रहा है। IRDAI की अनुमति और सरकारी योजनाओं के चलते AYUSH उपचार का लाभ तेजी से बढ़ रहा है।

Edited By: Suneel Kumarअपडेटेड May 12, 2025 पर 3:09 PM
AYUSH Health Insurance: आयुर्वेद, योग और होम्योपैथी से इलाज कराने पर मिलेगा बीमा कवर? जानिए क्या हैं नियम
कई प्राइवेट इंश्योरेंस कंपनियां AYUSH कवरेज को स्टैंडर्ड पॉलिसी, ऐड-ऑन ऑप्शन, या अलग योजना के रूप में देती हैं।

AYUSH Health Insurance: भारत में पारंपरिक चिकित्सा- जैसे कि आयुर्वेद, योग, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी स्वास्थ्य प्रणाली का अहम हिस्सा रही हैं। हालांकि, इन उपचार माध्यमों को लंबे समय तक बीमा कवर में शामिल नहीं किया गया था। लेकिन 2013 में बीमा नियामक संस्था IRDAI ने AYUSH (Ayurveda, Yoga & Naturopathy, Unani, Siddha, and Homeopathy) को हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में शामिल करने की अनुमति दी। इसके बाद वैकल्पिक चिकित्सा पद्धतियों को औपचारिक कवरेज मिलने का रास्ता साफ हुआ।

अब बीमाधारक न सिर्फ एलोपैथी, बल्कि पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों के लिए भी बीमा दावा कर सकते हैं। हालांकि इसके लिए कुछ शर्तें और सीमाएं तय हैं, जिनके बारे में जानना जरूरी है।

आयुष ट्रीटमेंट के बारे में बढ़ रही है जागरूकता

नेशनल सैंपल सर्वे ऑफिस (NSSO) ने 2024 में एक सर्वे कराया था। इसके मुताबिक, ग्रामीण भारत में 95% और शहरी क्षेत्रों में 96% लोगों को आयुष चिकित्सा पद्धति की जानकारी है। सर्वे में यह भी सामने आया कि 46% ग्रामीण और 53% शहरी आबादी ने बीते एक साल में किसी न किसी रूप में आयुष उपचार का सहारा लिया।

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