Credit Card Billing Rules : ट्रांजेक्शन फेल तो 3 दिन में मिलेगा पैसा, क्रेडिट कार्ड से जुड़े ऐसे 6 नियम 1 जुलाई से होंगे लागू

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने हाल में क्रेडिट कार्ड (credit card) और डेबिट कार्ड (debit card) जारी करने से संबंधित नई गाइडलाइन पेश की हैं

अपडेटेड Apr 28, 2022 पर 1:31 PM
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आरबीआई की गाइडलाइंस में क्रेडिट कार्ड बंद कराने, बिलिंग आदि से जुड़े नए नियम भी शामिल हैं

Credit Card Billing Rules : रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने हाल में क्रेडिट कार्ड (credit card) और डेबिट कार्ड (debit card) जारी करने से संबंधित नई गाइडलाइन पेश की हैं। लाइवमिंट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इनमें क्रेडिट कार्ड बंद कराने, बिलिंग आदि से जुड़े नए नियम भी शामिल हैं।

हम यहां 1 जुलाई, 2022 से प्रभावी होने जा रहे नए क्रेडिट कार्ड बिलिंग के नियमों (new credit card billing rules) के बारे में बता रहे हैं:

1. कार्ड कंपनियों को सुनिश्चित करना होगा कि बिल/स्टेटमेंट भेजने/डिस्पैच करने/ ईमेल भेजने में किसी भी तरह की देरी न हो। कस्टमर्स को ब्याज लगाने से पहले भुगतान के लिए पर्याप्त दिन (कम से कम एक पखवाड़ा) मिलने चाहिए। बिलिंग में देरी की शिकायतों से बचने के लिए, कार्ड कंपनी कार्डहोल्डर की सहमति से इंटरनेट/ मोबाइल बैंकिंग के जरिये बिल और स्टेटमेंट उपलब्ध कराने पर विचार कर सकती है। कार्ड कंपनी को एक ऐसा सिस्टम बनाना चाहिए, जिससे सुनिश्चित हो कि कार्डहोल्डर को बिलिंग स्टेटमेंट मिल गई है।


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2. कार्ड कंपनी सुनिश्चित करेगी कि कार्डहोल्डर्स को गलत बिल न भेजा जाए। यदि कार्डहोल्डर किसी किसी बिल पर आपत्ति करता है तो कार्ड कंपनी को स्पष्टीकरण देना होगा और शिकायत के 30 दिन के भीतर कार्डहोल्डर को सबूत के रूप में डॉक्यूमेंट उपलब्ध कराने होंगे।

3. कार्डहोल्डर के ‘फ्रॉड’ बताए गए विवादित ट्रांजेक्शन पर विवाद का समाधान होने तक कोई चार्ज नहीं वसूल किया जाएगा।

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4. कार्ड कंपनी सभी जारी किए गए क्रेडिट कार्डों पर एक स्टैंडर्ड बिलिंग साइकिल का पालन करना होगा। इस संबंध में, कार्डहोल्डर्स की सुविधा के हिसाब से एक बार बिलिंग साइकिल बदलने का विकल्प दिया जाएगा।

5. रिफंड/फेल/ रिवर्स ट्रांजेक्शन या ऐसे किसी ट्रांजेक्शन के चलते भुगतान की तारीख से पहले जमा धनराशि को तुरंत ‘बकाया भुगतान’ के एवज में एडजस्ट करना होगा और इसकी सूचना कार्डहोल्डर को देनी होगी।

6. कार्ड कंपनी को रिफंड/फेल/ रिवर्स ट्रांजेक्शन या ऐसे किसी ट्रांजेक्शन के चलते एक कटऑफ यानी क्रेडिट लिमिट का एक फीसदी या 5,000 रुपये को एडजस्ट करने के लिए कार्डहोल्डर से मंजूरी लेनी होगी, जिसका भुगतान कार्डहोल्डर द्वारा पहले ही कर दिया गया हो। कार्ड ट्रांजेक्शन के सात दिनों के भीतर ईमेल या एसएमएस के जरिये यह सहमति लेनी होगी। यदि कार्डहोल्डर की तरफ से सहमति नहीं मिलती है या कोई प्रतिक्रिया नहीं मिलती है तो कार्ड कंपनी को क्रेडिट ट्रांजेक्शन को कार्डहोल्डर के बैंक खाते में भेजना होगा। कटऑफ के बावजूद, यदि एक कार्डहोल्डर कार्ड कंपनी से बकाया रकम अपने बैंक खाते में जमा करने के लिए अनुरोध करता है तो कार्ड कंपनी को अनुरोध मिलने के तीन दिन के भीतर ऐसा करना होगा।

MoneyControl News

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First Published: Apr 28, 2022 1:21 PM

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