रायटर्स (Reuters) की तरफ से हाल में करवाए गए एक पोल के मुताबिक जून में होने वाली आरबीआई की पॉलिसी मीट में ब्याज दरों में एक बार फिर बढ़ोतरी की जाएगी। हालांकि इस पोल मे शामिल एनालिस्ट में जून में ब्याज दरों में होने वाली बढ़ोतरी की मात्रा के बारे में मतैक्य नहीं है।
अप्रैल में भारत में खुदरा महंगाई की दर अपनी 8 साल के हाई पर पहुंच गई है। अप्रैल महीने की खुदरा महंगाई दर लगातार चौथे महीने आरबीआई की मान्य सीमा (टालरेंस लिमिट) के ऊपर रही है और आगे भी इसके ऊंचे स्तर पर बने रहने की संभावना है। बढ़ती महंगाई और इसको नियंत्रित करने के तरीके पर हाल में आरबीआई के रुख में आये बदलाव से ये साफ है कि वर्तमान में 4.40 फीसदी पर नजर आ रहे रेपो रेट को अगली तिमाही तक कोविड-पूर्व के स्तर तक ले जाया जा सकता है। पहले यह माना जा रहा था कि रेपो रेट को कोरोना पूर्व के स्तर पर लाने में आरबीआई वित्तवर्ष 2023 तक की अवधि लेगा
रायटर्स द्वारा हाल ही में किए गए पोल में शामिल 53 इकोनॉमिस्ट में से 14 इकोनॉमिस्ट की राय थी कि जून महीने में आरबीआई रेपो रेट में 35 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी करके इसको 4.75 फीसदी पर ला सकता है जबकि 20 इकोनॉमिस्ट का कहना था कि जून में आरबीआई रेपो रेट में 40-75 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी कर सकता है। वहीं 10 इकोनॉमिस्ट का मानना था कि जून में रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी हो सकती है।
पोल में शामिल 10 भागीदारों का कहना था कि जून महीनों में ब्याज दरों में 10 से 25 फीसदी की मध्यम स्तर की बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। वहीं 7 भागीदारों का मानना था कि 6-8 जून को होने वाली इस मीटिंग में ब्याज दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं की जाएगी।
रायटर्स को सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक जून में होने वाली आरबीआई की पॉलिसी मीट में वर्तमान वित्त वर्ष के लिए महंगाई के अनुमान को बढ़ाया जा सकता है। इसके साथ ही ब्याज दरों में और बढ़ोतरी पर विचार किया जा सकता है।
इस पोल में शामिल कुल 53 भागीदारों में से 17 यानी 1 तिहाई लोगों का कहना था कि अगली तिमाही तक आरबीआई की रेपो रेट 5.15 फीसदी तक पहुंच जाएगी। बता दें कि कोरोना महामारी की पहले रेपो रेट 5.15 फीसदी पर ही था। पोल में शामिल 20 भागीदारों का कहना था कि अगली तिमाही तक आरबीआई की रेपो रेट 5.15 फीसदी से भी ज्यादा हो सकती है। इनमें से कई भागीदारों का कहना था कि वित्त वर्ष 2022 के अंत तक आरबीआई की रेपो रेट 5.40 फीसदी तक पहुंच सकती है।