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बैंक डिपॉजिट बढ़ाने के लिए इंटरेस्ट रेट्स में इजाफा कर सकते हैं, जानिए क्या है वजह

आरबीआई ने 8 अगस्त को अपनी मॉनेटरी पॉलिसी में बैंकों की कम डिपॉजिट ग्रोथ पर चिंता जताई थी। केंद्रीय बैंक के गवर्नर ने कहा था कि बैंकों को डिपॉजिट बढ़ाने के उपाय करने होंगे। उन्हें ग्राहकों को अट्रैक्ट करने के लिए नए प्रोडक्ट्स शुरू करने होंगे

MoneyControl Newsअपडेटेड Aug 12, 2024 पर 2:05 PM
बैंक डिपॉजिट बढ़ाने के लिए इंटरेस्ट रेट्स में इजाफा कर सकते हैं, जानिए क्या है वजह
इनवेस्टमेंट्स के दूसरे प्रोडक्ट्स ग्राहकों को ज्यादा अट्रैक्टिव लग रहे हैं। इससे बैंकों को फंडिंग के मोर्चे पर चैलेंजेज का सामना करना पड़ रहा है।

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बैंकों से डिपॉजिट बढ़ाने पर जोर देने को कहा है। उन्होंने यह भी कहा कि बैंकों को डिपॉजिट बढ़ाने के लिए इनोवेटिव टूल्स का इस्तेमाल करना होगा। साथ ही मार्केट में उपलब्ध दूसरे इनवेस्टमेंट्स प्रोडक्ट्स से मुकाबला करना होगा। उन्होंने कहा कि बैंकों के एग्जिक्यूटिव्स को अब कोर एक्टिविटी पर फोकस बढ़ाना होगा। वित्तमंत्री ने कहा है कि छोटे डिपॉजिट हासिल करना बैंकों का सबसे जरूरी काम है। यह मुश्किल और नीरस हो सकता है। लेकिन, बैंकों की इनकम के लिए यह सबसे जरूरी है। इससे पहले आरबीआई ने बैंकों को डिपॉजिट बढ़ाने के लिए इनोवेटिव तरीकों का इस्तेमाल करने को कहा था।

आरबीआई कम डिपॉजिट ग्रोथ पर चिंता जता चुका है

आरबीआई ने 8 अगस्त को अपनी मॉनेटरी पॉलिसी पेश की थी। इसमें गवर्नर शक्तिकांत दास ने बैंकों में डिपॉजिट की कम ग्रोथ पर चिंता जताई थी। उन्होंने इसे बैंकों की लिक्विडिटी के लिए संभावित रिस्क बताया था। उन्होंने कहा था कि इनवेस्टमेंट्स के दूसरे प्रोडक्ट्स ग्राहकों को ज्यादा अट्रैक्टिव लग रहे हैं। इससे बैंकों को फंडिंग के मोर्चे पर चैलेंजेज का सामना करना पड़ रहा है। बैंकों की डिपॉजिट ग्रोथ लोन ग्रोथ से कम हो गई है।

बैंकों को इनोवेटिव प्रोडक्ट्स पर फोकस बढ़ाना होगा

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