Belated ITR: बिलेटेड इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने का क्या है प्रोसेस, कितनी लगती है पेनाल्टी?

कई टैक्सपेयर्स इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की अंतिम तारीख तक रिटर्न फाइल नहीं कर पाते हैं। उनके लिए बिलेटेड रिटर्न फाइल करने का प्रावधान है। हालांकि, बिलेटेड रिटर्न फाइल करने के लिए टैक्सपेयर्स को पेनाल्टी चुकानी पड़ती है

अपडेटेड Aug 27, 2024 पर 12:50 PM
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बिलेटेड रिटर्न फाइल करने के लिए इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 234एफ के तहत पेनाल्टी लगती है।

कोई टैक्सपेयर इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की अंतिम तारीख तक रिटर्न फाइल नहीं कर पाता है तो वह बिलेटेड रिटर्न फाइल कर सकता है। इनकम टैक्स ने यह प्रावधान ऐसे टैक्सपेयर्स को ध्यान रखकर बनाया है, जो किसी मजबूरी की वजह से तय समय तक रिटर्न फाइल नहीं कर पाते हैं। बिलेटेड रिटर्न फाइल करने पर पेनाल्टी लगती है। साथ ही टैक्स पर इंटरेस्ट भी चुकाना पड़ता है। बिलेटेड रिटर्न फाइल करने से पहले इसके बारे में ठीक तरह से जान लेन जरूरी है।

कौन फाइल कर सकता है बिलेटेड रिटर्न?

इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return) फाइल करने की अंतिम तारीख इंडिविजुअल्स टैक्सपेयर्स के लिए आम तौर पर 31 जुलाई होती है। वित्त वर्ष 2023-24 का इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की डेडलाइन 31 जुलाई थी, जो बीत चुकी है। अगर किसी टैक्सपेयर्स ने 31 जुलाई तक रिटर्न फाइल नहीं किया है तो वह बिलेटेड रिटर्न (Belated Return) फाइल कर सकता है।


किस तारीख तक बिलेटेड रिटर्न फाइल किया जा सकता है?

बिलेटेड रिटर्न संबंधित वित्त वर्ष के 31 दिसंबर तक फाइल किया जा सकता है। इसका मतलब है कि अगर आपने इस साल 31 जुलाई तक रिटर्न फाइल नहीं किया है तो आप 31 दिसंबर तक फाइल कर सकते हैं।

कितनी लगती है पेनाल्टी?

बिलेटेड रिटर्न फाइल करने के लिए इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 234एफ के तहत पेनाल्टी लगती है। अगर टैक्सपेयर की इनकम 5 लाख रुपये से कम है तो पेनाल्टी 1,000 रुपये है। टैक्सपेयर की इनकम 5 लाख रुपये से ज्यादा होने पर पेनाल्टी 5,000 होती है। इसके अलावा अगर टैक्सपेयर पर टैक्स बनता है तो सेक्शन 234ए के तहत उसे उस पर इंटरेस्ट चुकाना होगा।

क्या लॉस कैरी फॉरवर्ड करने की इजाजत होगी?

बिलेटेड रिटर्न फाइल करने पर बिजनेस लॉस और कैपिटल लॉस जैसे कुछ लॉस आगे के सालों में कैरी फॉरवर्ड करने की इजाजत नहीं होती है। हालांकि, 'इनकम फ्रॉम हाउस प्रॉपर्टी ' के हेड के तहत हुए लॉस को कैरी फॉरवर्ड किया जा सकता है।

रिवाइज्ड रिटर्न की इजाजत है?

अगर आपको लगता है कि आपने बिलेटेड रिटर्न में कोई गलती कर दी है तो आप 31 दिसंबर तक रिवाइज्ड रिटर्न फाइल कर सकते हैं।

क्या रिटर्न वेरिफाय करना होगा?

बिलेटेड रिटर्न फाइल करने के बाद उसे वेरिफाय करना जरूरी होगा। टैक्सपेयर आधार ओटीपी, नेटबैंकिंग जैसे माध्यम से इसे ऑनलाइन वेरिफाय कर सकते हैं। दूसरा तरीका यह है कि वे आईटीआर-वी की कॉपी पर हस्ताक्षर कर उसे 120 दिन के अंदर सेंट्रलाइज्ड प्रोसेसिंग सेंटर (CPC) को भेज सकते हैं।

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बिलेटेड रिटर्न फाइल करने का प्रोसेस क्या है?

बिलेटेड रिटर्न फाइल करने के लिए वही प्रोसेस है, जो सामान्य रिटर्न फाइल करने का है। आपको इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ई-फाइलिंग पोर्टल पर जाना होगा। फिर अपने यूजर आईडी और पासवर्ड से लॉग-इन करना होगा। फिर अपने इनकम के सोर्स के आधार पर आईटीआर फॉर्म को सेलेक्ट करना होगा। फिर सही एसेसमेंट ईयर का चुनाव करना होगा। आपको अपनी इनकम डिटेल, डिडक्शन और टैक्स एंटर करना होगा। टैक्स चुकाने के बाद रिटर्न को सब्मिट कर देना होगा। उसके बाद उसे वेरिफाय करना होगा।

MoneyControl News

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First Published: Aug 27, 2024 12:45 PM

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