कभी विजय माल्या के पास थी बर्जर पेंट्स! इन 2 भाईयों ने खरीदकर बदल दी किस्मत

Berger Paints: बर्जर पेंट्स की किस्मत की कहानी एक छोटी पेंट की दुकान से शुरू होती है। बर्जर पेंट्स कभी विजय माल्य के पास थी लेकिन हालात बहुत अच्छे नहीं थे। पेंट की छोटी सी दुकान से शुरुआत करने वाले परिवार के 2 भाईयों ने बुरे हाल पेंट की कंपनी की किस्मत चमका दी

अपडेटेड Apr 02, 2025 पर 2:55 PM
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Berger Paint: पेंट की छोटी सी दुकान से शुरुआत करने वाले 2 भाईयों ने चमकाई बर्जर पेंट की किस्मत। (Photo – गुरबचन सिंह ढींगरा (R) और कुलदीप सिंह ढींगरा (L) बीच में विजय माल्या)

Berger Paints Success Story: बर्जर पेंट्स की किस्मत की कहानी एक छोटी पेंट की दुकान से शुरू होती है। बर्जर पेंट्स कभी विजय माल्य के पास थी लेकिन हालात बहुत अच्छे नहीं थे। पेंट की छोटी सी दुकान से शुरुआत करने वाले परिवार के 2 भाईयों ने बुरे हाल पेंट की कंपनी की किस्मत चमका दी। बर्जर पेंट्स (Berger Paints) आज भारत की दूसरी सबसे बड़ी पेंट कंपनी है, लेकिन इसकी सफलता की कहानी 1800 के दशक से शुरू होती है। इसे ढींगरा ब्रदर्स – कुलदीप सिंह ढींगरा और गुरबचन सिंह ढींगरा ने खड़ा किया। ढींगरा ब्रदर्स के दादा ने अमृतसर में एक छोटी सी पेंट की दुकान खोली थी। 1898 से ढींगरा परिवार पेंट के कारोबार में था।

ढींगरा परिवार का पेंट कारोबार

परिवार ने पीढ़ी दर पीढ़ी आने वाली नई पीढ़ी को कारोबार की बारिकियां समझाई। फिर कुलदीप और गुरबचन सिंह ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से पढ़ाई करने के बाद अमृतसर में अपने परिवार के पेंट स्टोर को संभाला। 1970 के दशक में उनका सालाना टर्नओवर करीब 10 लाख रुपये था।


अंतरराष्ट्रीय बाजार में ढींगरा ब्रदर्स की एंट्री

1980 के दशक में ढींगरा ब्रदर्स ने अंतरराष्ट्रीय बाजार में कदम रखा। सोवियत संघ को पेंट एक्सपोर्ट कर भारत में इस क्षेत्र में टॉप पर पहुंच गए। इस दौरान उनकी कंपनी का सालाना टर्नओवर 300 करोड़ रुपये तक पहुंच गया।

विजय माल्या से खरीदी Berger Paints

1990 के दशक में विजय माल्या आर्थिक संकट में थे और उनकी कंपनियां कर्ज में डूब चुकी थीं। इसी दौरान ढींगरा ब्रदर्स ने बर्जर पेंट्स को खरीद लिया। पेंट इंडस्ट्री में लंबे समय के अनुभव की वजह से उन्होंने मजबूत मार्केटिंग रणनीतियां बनाईं और किफायती कीमत पर अच्छी क्वालिटी का वादा किया। इससे कंपनी को दोबारा बाजार में पहचान मिली।

बर्जर पेंट्स का ग्लोबल विस्तार

ढींगरा ब्रदर्स की अगुवाई में बर्जर पेंट्स भारत ही नहीं, बल्कि बांग्लादेश, नेपाल, पोलैंड और रूस तक पहुंच गई। उनकी रणनीति से कंपनी की ब्रांड वैल्यू और ग्राहक वफादारी दोनों मजबूत हुए।

बर्जर पेंट्स का टर्नओवर

2023 तक बर्जर पेंट्स का सालाना टर्नओवर 10,619 करोड़ रुपये हो चुका है। कंपनी के चेयरमैन कुलदीप सिंह ढींगरा की बेटी ऋषमा कौर और वाइस चेयरमैन गुरबचन सिंह ढींगरा के बेटे कंवरवदीप सिंह ढींगरा है। गुरबचन सिंह ढींगरा और कुलदीप सिंह ढींगरा एमिरेट्स चेयरमैन हैं। ढींगरा परिवार की नई पीढ़ी के नेतृत्व में बर्जर पेंट्स अंतरराष्ट्रीय बाजार में और विस्तार पर काम कर रही है।

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First Published: Apr 02, 2025 2:53 PM

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