इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (IRDAI) ने बीमा सुगम के लिए ड्राफ्ट रेगुलेशन जारी कर दिया है। बीमा सुगम (Bima Sugam) एक इलेक्ट्रॉनिक इंश्योरेंस मार्केट प्लेस होगा। यह डिजिटल प्लेटफॉर्म बीमा कंपनियों, पॉलिसीहोल्डर्स और इंटरमीडियरीज के लिए होगा। इस प्लेटफॉर्म पर लाइफ, हेल्थ और जनरल इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदी जा सकेगी। साथ ही पॉलिसी सर्विसिंग, क्लेम सेटलमेंट और ग्रिवान्स रिड्रेसल जैसी सेवाएं भी इस पर मिलेंगी। इस प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करने के लिए कस्टमर्स को कोई फीस नहीं चुकानी होगी। ड्राफ्ट रेगुलेशन पर लोगों से 4 मार्च तक राय मांगी गई है।
कंपनीज एक्ट, 2013 के तहत बनेगा
आईआरडीए ने कहा कि इसे कंपनीज एक्ट, 2013 के तहत बनाया जाएगा। यह नॉट-फॉर-प्रॉफिट कंपनी होगी। इस कंपनी में लाइफ, जनरल और हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों की हिस्सेदारी होगी। किसी कंपनी के पास नियंत्रणयोग्य (Controlling) हिस्सेदारी नहीं होगी। जरूरत पड़ने पर शेयरहोल्डर्स को इसमें कंट्रिब्यूट करना होगा। आईआरडीए इस कंपनी के बोर्ड के दो सदस्य नॉमिनेट करेगा। रेगुलेटरी एप्रूवल के बाद इस कंपनी के चेयरपर्सन और सीईओ की नियुक्ति होगी। एक रिस्क मैनेजमेंट कमेटी भी बनाई जाएगी।
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बीमा सुगम पर करीब दो साल से काम चल रहा है। बीमा नियामक का मानना है कि यह प्लेटफॉर्म पॉलिसीहोल्डर्स के हितों की रक्षा करेगा। इससे इंश्योरेंस के दायरे में आबादी के बड़े हिस्से को लाने में मदद मिलेगी। इससे इंश्योरेंस प्रोडक्ट्स आसानी से उपलब्ध होंगे। आईआरडीए के चेयरमैन ने बीमा सुगम को इंश्योरेंस इंडस्ट्री का यूपीआई बताया था। इससे 2047 तक पूरी आबादी को इंश्योरेंस के दायरे में लाने के लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी।
यह इंश्योरेंस इंडस्ट्री का यूपीआई होगा
आईआरडीए के चेयरमैन देबाशीष पांडा ने पिछले साल जून में बीमा सुगम को लेकर डिस्ट्रिब्यूटर्स की चिंताएं दूर करने की कोशिश की थी। उन्हें डर था कि इस डिजिटल प्लेटफॉर्म के आ जाने से उनके बिजनेस पर असर पड़ेगा। उन्होंने कहा था कि इससे नौकरियों के मौके घटेंगे बल्कि उनमें इजाफा होगा। इससे बेहतर डिस्ट्रिब्यूशन मॉडल बनेगा।