प्रॉपर्टी खरीदना केवल एक लक्ष्य नहीं बल्कि बड़ी जिम्मेदारी है। सही जानकारी और सावधानी के बिना जल्दबाजी में लिया गया फैसला भारी नुकसान दिला सकता है। इसलिए जमीन खरीदते समय कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है ताकि निवेश सुरक्षित रहे और भविष्य में अच्छा लाभ हो सके।
सबसे पहले यह समझना जरूरी है कि जमीन की वर्तमान कीमत क्या है और भविष्य में उसकी कीमत कितनी बढ़ सकती है। केवल विक्रेता की बातों पर भरोसा न करें, आसपास के इलाकों के रेट्स और सरकारी सर्कल रेट (गाइडलाइन वैल्यू) की पूरी जांच करें। अच्छे इलाके चुनें, जहां विकास के बड़े प्रोजेक्ट जैसे सड़क, मॉल या मेट्रो का निर्माण हो रहा हो, क्योंकि ऐसे इलाके की प्रॉपर्टी की कीमत तेजी से बढ़ती है।
मालिकाना हक की जांच बेहद जरूरी
जमीन की केटेगरी और जोनिंग का ध्यान रखें
भारत में जमीन कई प्रकार की होती है जैसे रिहायशी, कृषि, कमर्शियल या औद्योगिक। घर बनाने के लिए जमीन रिहायशी होनी चाहिए। कृषि जमीन पर घर बनाना आगे चलकर कानूनी समस्या खड़ी कर सकता है। इसलिए नगरपालिका या पंचायत से जमीन की जोनिंग (जमीन के उपयोग की जानकारी) जरूर लें।
लोकेशन और आसपास की सुविधाएं
लोकेशन का असर प्रॉपर्टी की कीमत और रहने की सुविधा पर बहुत बड़ा होता है। देखें कि जमीन के आस-पास स्कूल, अस्पताल, बाजार, सड़क, बस या मेट्रो जैसी सुविधाएं उपलब्ध हों। आसपास कोई विकास प्रोजेक्ट चल रहा हो तो यह प्लॉट की कीमत और भी बढ़ाता है।
जमीन की असली नाप और सीमाओं की पुष्टि करें
कई बार दस्तावेजों में क्षेत्रफल जमीन की असली माप से मेल नहीं खाता। इसलिए जमीन खरीदने से पहले उसकी फिजिकल नाप GPS या सरकारी रिकॉर्ड से मिलान कराएं। बिना अप्रूव्ड प्लॉट के निर्माण पर रोक लग सकती है और सीमाओं को लेकर विवाद भी हो सकता है।
इन सावधानियों को अपनाकर जमीन की खरीददारी करें, ताकि भविष्य में वित्तीय नुकसान और कानूनी परेशानियों से बचा जा सके।