किसी एसेट को खरीदने के कुछ महीने या साल बाद बेचने पर जो मुनाफ होता है, उसे कैपिटल गेंस कहा जाता है। इनकम टैक्स के नियम के तहत कैपिटल गेंस पर टैक्स लगता है। कैपिटल गेंस दो तरह का होता है-शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस। पहले हर एसेट के लिए कैपिटल गेंस टैक्स के नियम अलग-अलग थे। अब सरकार कैपिटल गेंस के नियमों में समानता ला रही है।
