सरकार ने कैपिटल गेंस टैक्स के नियमों में 2024 में बदलाव किया था। नए नियमों को समझने में कुछ टैक्सपेयर्स को दिक्कत आती है। नोएडा के मनोहर शर्मा ने अपने मामले के बारे में बताया है। उनका कहना है उन्होंने 1997 में पटना में एक घर खरीदा था। 2007 में उन्होंने इसकी रजिस्ट्री अपने नाम में कराई। यह फ्लैट तैयार नहीं था। इसके लिए उन्होंने 3.65 लाख पेमेंट किया था। इसमें कुछ कंस्ट्रक्शन पर उन्होंने करीब 3 लाख रुपये खर्च किए। उन्होंने यह फ्लैट इस साल अगस्त में 34 लाख में बेच दिया। उन्हें कितना कैपिटल गेंस टैक्स चुकाना होगा? मनीकंट्रोल ने मशहूर टैक्स एक्सपर्ट और सीए बलवंत जैन से इस सवाल का जवाब पूछा।
2024 में कैपिटल गेंस टैक्स के नियमों में बदलाव
जैन ने कहा कि सरकार ने फाइनेंस एक्ट, 2024 में लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स के नियमों में बदलाव किया था। अब लॉन्ग टर्म के लिए होल्डिंग पीरियड तीन की जगह दो रह गया है। सिर्फ लिस्टेड कंपनियों के शेयर और म्यूचुअल फंड की इक्विटी स्कीम की यूनिट्स 12 महीने से ज्यादा समय बाद बेचने पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस के नियम लागू होते हैं। बाकी सभी कैपिटल एसेट्स के लिए लॉन्ग टर्म के लिए होल्डिंग पीरियड 24 महीने है।
एलटीसीजी पर इंडेक्सेशन बेनेफिट भी हटाया गया
उन्होंने कहा कि सरकार ने इंडेक्सेशन का बेनेफिट भी हटा दिया है। सिर्फ 23 जुलाई, 2024 से पहले खरीदी गई जमीन या बिल्डिंग के लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स के कैलकुलेशन में इंडेक्सेशन बेनेफिट उपलब्ध है। अगर कोई व्यक्ति लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस पर टैक्स नहीं चुकाना चाहता है तो वह सेक्शन 54 के तहत एग्जेम्प्शन क्लेम कर सकता है। इसके लिए शर्त यह है कि कैपिटल गेंस के अमाउंट का इस्तेमाल उसे दूसरा घर खरीदने के लिए करना होगा। अगर वह दूसरा घर नहीं खरीदना चाहता है तो वह इस पैसे को कुछ खास फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस के कैपिटल गेन बॉन्ड्स में इनवेस्ट कर सकता है। ऐसा घर बेचने की तारीख से छह महीने के अंदर करना होगा।
एलटीसीजी पर एग्जेम्प्शन क्लेम किया जा सकता है
उन्होंने कहा कि अगर आप एग्जेम्प्शन का फायदा नहीं उठाना चाहते हैं तो आप कैपिटल गेंस अमाउंट पर आप 12.5 फीसदी टैक्स, प्लस सेस और अप्लिकेबल सरचार्ज चुका सकते हैं। जहां तक मनोहर शर्मा का मामला है तो अनिफिश्ड फ्लैट की मार्केट वैल्यू तय करना मुश्किल है। ऐसे में वह 1 अप्रैल, 2001 को बिल्डर को चुकाए गए अमाउंट को फेयर मार्केट वैल्यू मान सकते हैं और उस तारीख से इंडेक्सेशन का इस्तेमाल कर सकते हैं।
इंडेक्सेशन के साथ एलटीसीजी पर 20 फीसदी टैक्स
जैन के मुताबिक, शर्मा ने कंस्ट्रक्शन पर 3 लाख रुपये खर्च किया है, जिस पर इस खर्च की तारीख से इंडेक्सेशन का इस्तेमाल किया जा सकता है। कबाइंड इंडेक्स्ड कॉस्ट एक्विजिशन की आपकी टोटल इंडेक्स्ड कॉस्ट बन जाती है। इसे नेट सेल प्राइस से घटाना होगा। फिर जो अमाउंट आएगा वह टैक्सेबल इंडेक्स्ड लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस होगा। इस पर 20 फीसदी के रेट से टैक्स चुकाया जा सकता है।