ATM Cash Withdrawal: क्या आपके साथ भी ऐसा हुआ है कि एटीएम से पैसा निकालते हुए, आपका पैसा एटीएम में ही अटक गया? एटीएम से पैसे निकालते समय अक्सर ऐसा होता है कि ट्रांजेक्शन सफल दिखाता है, लेकिन कैश मशीन से बाहर नहीं आता। कभी-कभी केवल कुछ नोट निकलते हैं और बाकी अंदर ही फंस जाते हैं। यह स्थिति किसी भी व्यक्ति को परेशान कर सकती है। लेकिन घबराने की बजाय अगर आप सही कदम उठाएं तो आपका पैसा सुरक्षित तरीके से वापस मिल सकता है। आइए जानते हैं ऐसे में आपको क्या करना है।
क्यों फंस जाता है कैश?
अधिकतर मामलों में कैश फंसने का कारण सर्वर एरर या एटीएम मशीन की तकनीकी खराबी होती है। कभी नेटवर्क स्लो होने से मशीन समय पर कैश रिलीज नहीं कर पाती, तो कभी मशीन के अंदर मौजूद मैकेनिज्म जाम हो जाता है।
सबसे पहले क्या करें
घबराएं नहीं और जबरदस्ती नोट खींचने की कोशिश न करें। इससे नोट फट सकते हैं और मशीन भी खराब हो सकती है।
कभी-कभी मशीन थोड़ी देर बाद कैश अपने-आप बाहर निकाल देती है, इसलिए कुछ मिनट इंतजार करें।
अगर कैश नहीं निकला लेकिन अकाउंट से पैसा कट गया है, तो सबसे पहले ट्रांजैक्शन रिसीट संभाल कर रखें।
रिसीट न मिलने पर एसएमएस अलर्ट या बैंक स्टेटमेंट आपके काम आएंगे।
24 घंटे का नियम
कई बार अगर ट्रांजैक्शन फेल हो जाता है तो बैंक अपने-आप 24 घंटे के भीतर पैसा खाते में लौटा देते हैं। इसलिए शुरुआत में घबराने की बजाय शांत रहें और खाते पर नजर रखें।
कब करें शिकायत
अगर 24 घंटे बाद भी पैसा वापस नहीं आता तो तुरंत बैंक के कस्टमर केयर से संपर्क करें। शिकायत करते समय ये जानकारी दें:
एटीएम का लोकेशन और किस बैंक की मशीन है
ट्रांजैक्शन की तारीख और समय
ट्रांजैक्शन आईडी
रिसीट, SMS या बैंक स्टेटमेंट की जानकारी
अगर संभव हो तो मशीन पर आए एरर मैसेज की फोटो या स्क्रीनशॉट भी रखें।
बैंक शाखा या ऑनलाइन शिकायत
अगर कस्टमर केयर से समाधान नहीं मिलता, तो अपनी बैंक शाखा में लिखित शिकायत दर्ज करें और उसका रेफरेंस नंबर लें। इसी तरह बैंक की वेबसाइट या कस्टमर पोर्टल पर भी ऑनलाइन शिकायत दर्ज की जा सकती है। शिकायत नंबर नोट करना न भूलें, ताकि आप आसानी से फॉलो-अप कर सकें।
ज्यादातर मामलों में बैंक 7 से 10 कार्यदिवस के भीतर समस्या सुलझा देते हैं।
अगर बैंक कार्रवाई न करे
अगर बैंक समय पर कदम नहीं उठाता या जवाब संतोषजनक नहीं होता, तो आप शिकायत को बैंकिंग लोकपाल (Banking Ombudsman) तक ले जा सकते हैं।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के नियमों के अनुसार, बैंक को ऐसे फेल ट्रांजैक्शन को 45 दिनों के भीतर निपटाना जरूरी है। अगर बैंक ऐसा करने में असफल रहता है, तो उन्हें ग्राहक को मूल राशि के साथ-साथ ब्याज भी देना पड़ता है।
क्या न करें
कभी भी मशीन के अंदर हाथ डालने या उसे ठीक करने की कोशिश न करें। यह खतरनाक और गैरकानूनी है। तुरंत घबराकर बार-बार नया ट्रांजैक्शन करने से बचें।
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