CGHS: केंद्रीय सरकार ने रिटायर कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए केंद्रीय सरकारी हेल्थ योजना (CGHS) को लेकर साफ दिशानिर्देश तय किए हैं। यह कार्ड रिटायर्ड लोगों और उनके परिवारों को सस्ती और कैशलेस हेल्थ सर्विस देता है। आइए जानते हैं कौन लोग इस कार्ड के लिए पात्र हैं। कैसे CGHS कार्ड के लिए अप्लाई कर सकते हैं। इसके लिए कितनी फीस देनी होगी।
केंद्रीय सिविल पेंशन (Central Civil Estimate) से पेंशन लेने वाले सभी पेंशनर्स CGHS कार्ड ले सकते हैं। शर्त यह है कि वे Fixed Medical Allowance (FMA) न ले रहे हों। ऐसे पेंशनर्स को फुल CGHS कार्ड मिलेगा, जिसमें OPD और IPD यानी अस्पताल भर्ती सर्विस दोनों मिलती हैं। अगर कोई पेंशनर FMA ले रहा है, तो वह सिर्फ IPD-only कार्ड ले सकता है। इस कार्ड से उन्हें अस्पताल में भर्ती होने पर कैशलेस इलाज और आपात स्थिति में रीइंबर्समेंट की सुविधा मिलती है।
रिटायर्ड लोग ऑनलाइन www.cghs.nic.in पोर्टल पर जाकर अप्लाई कर सकते हैं। अप्लाई भरने के बाद एक टेम्परेरी रेफरेंस नंबर जनरेट होता है। फिर इस फॉर्म को प्रिंट कर, साइन करके, फोटो लगाकर और जरूरी डॉक्यूमेंट्स के साथ अपने शहर के CGHS एडिशनल डायरेक्टर ऑफिस में जमा करना होता है। अप्लाई करने के साथ पेंशनर को भारत कोष पोर्टल पर तय योगदान शुल्क जमा करना होता है। जो लोग एक साल का कार्ड बनवाना चाहते हैं, उन्हें 12 महीने का शुल्क जमा करना होगा। वहीं, लाइफटाइम कार्ड के लिए 120 महीने का शुल्क एकमुश्त जमा करना होगा।
शुल्क पेंशनर के वेतन स्तर (7th Pay Commission) के अनुसार तय है।
लेवल 1 से 5: सालाना 3,000 रुपये या लाइफटाइम 30,000 रुपये
लेवल 6: सालाना 5,400 रुपये या लाइफटाइम 54,000 रुपये
लेवल 7 से 11: सालाना 7,800 रुपये या लाइफटाइम 78,000 रुपये
लेवल 12 और उससे ऊपर: सालाना 12,000 रुपये या लाइफटाइम 1,20,000 रुपये
कौन-कौन से डॉक्यूमेंट हैं जरूरी?
PPO या लास्ट पे सर्टिफिकेट की सेल्फ अटेस्टेड कॉपी।
आधार या पैन कार्ड (ID व एड्रेस प्रूफ)
पासपोर्ट साइज फोटो (रिटायरी व डिपेंडेंट्स की)
FMA की स्थिति का प्रूफ (ले रहे हैं या नहीं)
दिव्यांग सदस्य को डिपेंडेंट दिखाने के लिए डिसेबिलिटी सर्टिफिकेट।
अब पेंशनर को फिजिकल कार्ड के साथ डिजिटल CGHS कार्ड की सुविधा भी दी गई है। यह कार्ड myCGHS ऐप, DigiLocker ऐप या CGHS वेबसाइट से डाउनलोड किया जा सकता है। डिजिटल कार्ड भी प्लास्टिक कार्ड जितना ही वैलिड है और अस्पतालों में दिखाकर फायदा उठाया जा सकता है।