Agriculture Tips: फूलगोभी की खेती उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर होती है और सर्दियों के मौसम में यह किसानों के लिए आमदनी का बड़ा जरिया बनती है। लेकिन जनवरी के महीने में फसल पर कीटों और बीमारियों का खतरा मंडराने लगता है। इनमें सबसे खतरनाक है डायमंड बैक मोथ जो फसल को भारी नुकसान पहुंचा सकता है। यह छोटा सा कीट अपने लार्वा के जरिए तेजी से फैलता है और देखते ही देखते पौधों के पत्ते चट कर जाता है। बढ़ते तापमान के साथ इस कीट का प्रकोप और गंभीर हो जाता है।
ऐसे में समय पर जैविक, देसी या रासायनिक उपाय अपनाकर इस खतरे को टाला जा सकता है। डायमंड बैक मोथ से निपटने के सही तरीकों से किसान अपनी फूलगोभी की फसल को न केवल बचा सकते हैं बल्कि अच्छे उत्पादन के जरिए बेहतर मुनाफा भी कमा सकते हैं।
फूलगोभी की सबसे बड़ी चुनौती
जिला उद्यान अधिकारी डॉ. पुनीत कुमार पाठक ने लोकल 18 से बात करते हुए बताया कि डायमंड बैक मोथ फूलगोभी की फसल के लिए सबसे बड़ा खतरा है। इस कीट के प्रकोप से फसल का 80 से 90% तक नुकसान हो सकता है। कई बार पूरी फसल बर्बाद हो जाती है। इसका फैलाव लार्वा के माध्यम से होता है जो पौधों के पत्तों को खा जाते हैं।
ट्रैप क्रॉप तकनीक से कीट नियंत्रण
फूलगोभी की फसल को बचाने के लिए ट्रैप क्रॉप तकनीक एक प्रभावी उपाय है। ट्रैप क्रॉप वह फसल होती है जिसे मुख्य फसल के चारों ओर या स्ट्रिप्स में लगाया जाता है ताकि कीट उस ओर आकर्षित हो जाए। किसान फूलगोभी की तीन लाइनों के बाद एक लाइन सरसों के पौधों की लगा सकते हैं। यह तकनीक सरसों के पौधों की ओर कीटों को आकर्षित करती है जिससे फूलगोभी को 80-90% तक नुकसान से बचाया जा सकता है।
फूलगोभी को कीटों से बचाने के लिए किसान जैविक उपायों को भी अपना सकते हैं।
नीम ऑयल का छिड़काव: किसान 4% नीम ऑयल को पानी में मिलाकर फसल पर छिड़क सकते हैं। इससे 15 दिनों के भीतर कीटों का प्रभाव कम हो जाएगा।
सिस्टमिक रसायन: यदि जैविक उपाय पर्याप्त न हों तो किसान किसी अच्छी कंपनी का सिस्टमिक रसायन लेकर फसल पर छिड़काव कर सकते हैं। यह उपाय कीटों को आसानी से रोकने में मदद करेगा।
समय पर रोकथाम से बचेगी फसल
डायमंड बैक मोथ जैसे खतरनाक कीट से बचाव के लिए किसान समय पर ट्रैप क्रॉप और जैविक उपायों को अपनाएं। यदि आवश्यक हो तो रासायनिक छिड़काव का सहारा लें। इन तरीकों से किसान अपनी फूलगोभी की फसल को बचाकर अच्छा उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं।