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बिजनेस आइडिया: इस साग की खेती से सिर्फ 2 महीने में बन जाएंगे लखपति

बिजनेस आइडिया: अगर आप खेती के जरिए बंपर कमाई करना चाहते हैं तो आपके लिए एक बेहतर बिजनेस आइडिया दे रहे हैं। कोलार्ड ग्रीन्स (Collard Greens) की खेती फायदे का सौदा साबित हो सकती है। इसकी बुवाई इसी महीने यानी जुलाई में की जाती है। यह एक पौष्टिक पत्तेदार हरी सब्जी है। जिसे हर जगह उगाया जा सकता है। भारत में इसे हका साग के नाम से भी जानते हैं

अपडेटेड Jul 25, 2023 पर 9:55 PM
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बिजनेस आइडिया: कोलार्ड ग्रीन्स के पौधे अधिक तापमान को झेल नहीं पाते हैं।

बिजनेस आइडिया: आजकल के इस अर्थयुग में अगर आप अपनी कमाई बढ़ाना चाहते हैं तो बिजनेस के जरिए शुरू कर सकते हैं। इसके लिए आज हम एक बेहतर बिजनेस आइडिया के बारे में चर्चा कर रहे हैं। आप खेती के जरिए भी बंपर कमाई कर सकते हैँ। बशर्ते इसके लिए पारंपरिक खेती छोड़कर नकदी फसलों की ओर रूख करना होगा। ऐसे ही कोलार्ड ग्रीन्स (Collard Greens) की खेती कर सकते हैं। इसकी गिनती नकदी फसलों में होती है। यह हरे पत्तेदार सब्जी होती है। इसकी बुवाई इसी महीने यानी जुलाई महीने में की जाती है। वैसे भी आमतौर पर कई सब्जियों की बुवाई जुलाई महीने में ही की जाती है।

यह एक पौष्टिक पत्तेदार हरी सब्जी है, जिसे कई तरह की जलवायु में उगाया जा सकता है। भारत में इसे हका साग के नाम से भी जाना जाता है। यह साग खास तौर पर बरसात के मौसम या ठंडे मौसम में उगाया जाता है। कोलार्ड ग्रींस के पौधे ज्यादा तापमान को सहन नहीं कर पाते हैं। लिहाजा गर्मी के मौसम में इसकी बवाई नहीं की जा सकती है।

जानिए कैसे करें कोलार्ड ग्रीन्स की खेती


कोलार्ड ग्रीन्स की खेती के लिए मिट्टी का पीएच मान 6.0 और 6.8 के बीच होना चाहिए। इसके बीज बोए जाते हैं। बीजों को करीब आधा इंच गहरा और 12 से 18 इंच की दूरी पर रोपना होता है। मिट्टी में नमी बनी रहनी चाहिए। वहां जलभराव नहीं होना चाहिए। इसमें नियमित रूप से सिंचाई की जरूरत पड़ती है। इसके साथ ही इसमें कीड़े लगने का खतरा ज्यादा रहता है। इससे बचाव करना भी बहुत जरूरी है। जब इस पौधे की पत्तियां बड़ी और गहरे हरे रंग की हो जाए तो इन पत्तियों को तोड़ लें। कोलार्ड ग्रीन्स बुवाई के 5-6 हफ्ते यानी करीब 2 महीने में तैयार हो जाता है। इसकी ताजा पत्तियों की ही इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि कुछ समय के लिए स्टॉक कर सकते हैं।

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भारत के इन राज्यों में कोलार्ड ग्रीन्स की होती है बंपर पैदावार

कोलार्ड ग्रीन्स (Collard greens) भारत में कई राज्यो में उगाया जाता है। यह दक्षिण भारत में प्रमुख रूप से उगाया जाता है। यहां का मौसम ठंडा होता है। इतना ही नहीं कश्मीर में भी इसे काफी लोग उगाते हैं। इसके अलावा, केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश के किसान भी विशेष रूप से इस साग की खेती करते हैं।

कोलार्ड ग्रीन्स सेहत के लिए है रामबाण

कोलार्ड ग्रीन्स सेहत के लिए काफी फायदेमंद माना गया है। इसके सेवन से ब्लड शुगर लेवल हमेशा कंट्रोल रहेगा। नेचुरल तरीके से इंसुलिन का निर्माण होने लगेगा। डायबिटीज के मरीजों के लिए यह किसी रामबाण से कम नहीं है। यह पत्तेदार सब्जी गोभी परिवार से है। इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्व वजन घटाने के साथ डायबिटीज कंट्रोल रखने मदद करते हैं। कोलार्ड ग्रीन्स की ग्लाइसेमिक इंडेक्स रेटिंग भी कम होती है। अगर आप अपनी डाइट में कोलार्ड ग्रीन्स शामिल करते हैं तो इससे हड्डियां मजबूत होती है। ऐसे में कोलार्ड ग्रीन्स हेल्थ के लिए काफी अच्छा माना गया है।

कोलार्ड ग्रीन्स से होगी बंपर कमाई

बाजार में कोलार्ड ग्रीन्स की मांग दिनों दिन बढ़ती जा रही है। इसके कीमत की बात करें तो बाजार में इसका एक गुच्छा करीब 100 रुपये में बिकता है। ऐसे में आप अंदाजा लगा सकते हैं कि कोलार्ड ग्रीन्स से किसान दो महीने में ही मोटी कमाई कर सकते हैं। कोलार्ड ग्रीन्स से किसानों की आर्थिक सेहत में काफी सुधार हो सकता है।

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