Get App

Business Idea: 500 रुपये किलो बिकने वाली इस सब्जी से किसानों की बदल जाएगी किस्मत, कई गुना होगा मुनाफा, ऐसे करें शुरू

Business Idea: लाल भिंडी की खेती फरवरी-मार्च और जून-जुलाई में की जाती है। इसके पौधों को ज्यादा पानी की जरूरत नहीं होती है। देश के सभी राज्यों में इसकी खेती की जा सकती है

MoneyControl Newsअपडेटेड Sep 16, 2022 पर 8:35 AM
Business Idea: 500 रुपये किलो बिकने वाली इस सब्जी से किसानों की बदल जाएगी किस्मत, कई गुना होगा मुनाफा, ऐसे करें शुरू
लाल भिंडी की खेती साल में दो बार की जा सकती है। यह 45-50 दिनों में तैयार हो जाती है।

Business Idea: देश के किसान अब पारंपरिक खेती के बजाय कई तरह की फसलें भी उगाने लगे हैं। नकदी फसलों की ओर किसानों ने सबसे ज्यादा रूख किया है। नकदी फसलों में किसान कई तरह की सब्जियां उगा रहे हैं। ऐसे ही भिंडी भी एक लोकप्रिय सब्जियों में गिनी जाती है। हरी भिंडी की खेती देश में बड़े पैमाने पर होती है। इस बीच देश के किसान लाल भिंडी (Red ladyfinger) की खेती भी कर रहे हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि लाल भिंडी हरी भिंडी के मुकाबले ज्यादा फायदेमंद है। इसके अलावा बाजार में लाल भिंडी की कीमत भी कई गुना ज्यादा है।

लाल भिंडी को काशी की लालिमा भी कहा जाता है। उत्तर प्रदेश के वाराणसी में भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान ने भिंडी को लाल रंग में उगाया है। इसके बीज अब कई जगह मिलने लगे हैं। उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, हरियाणा दिल्ली में इसकी खेती होने लगी है। लाल भिंडी की फसल 45-50 दिन में तैयार हो जाती है।

लाल भिंडी की खेती साल में दो बार की जा सकती है। फरवरी-मार्च और जून-जुलाई में इसकी खेती कर सकते हैं। पौधों को 5-6 घंटे की धूप जरूरी है। बलुई दोमट मिट्टी इसके लिए बेहतर मानी गई है। इसकी खेती हरी भिंडी की तरह ही होती है। इसका पीएच मान 6.5-7.5 तक होना जरूरी है। इसकी उपज 20 क्विंटल प्रति एकड़ तक है। लाल भिंडी की लंबाई 7 इंच तक रहती है। लाल भिंडी में एंथोसाइन नामक तत्व पाया जाता है। इससे शरीर को एनर्जी मिलने के अलावा इम्युनिटी भी बढ़ती है। इसमें फाइबर और आयरन की मात्रा अधिक होती है। लाल रंग की वजह से इसमें एंटीऑक्सीडेंट ज्यादा होता है। वैज्ञानिक इसे पकाकर खाने के बजाए सलाद के रूप में खाने की सलाह देते हैं।

Business Idea: इस पेड़ की दुनिया भर में है डिमांड, भर जाएगी पैसों की झोली, यहां के किसान हो गए मालामाल

कमाई

सब समाचार

+ और भी पढ़ें