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Business Idea: सर्दी में इस सब्जी की करें खेती, फौरन बन जाएंगे लखपति, सेहत भी रहेगी चकाचक

Business Idea Radish Farming: खेती के जरिए मोटी कमाई कर सकते हैं। इन दिनों बहुत से युवा अच्छी नौकरी छोड़कर भी खेती की ओर रूख कर रहे हैं। ऐसे में सर्दी के मौसम में अगर आप मोटी कमाई करना चाहते हैं तो मूली की खेती कर सकते हैं। मूली सेहत के लिए फायदेमंद भी मानी जाती है। यह फसल बहुत जल्दी उग आती है

MoneyControl Newsअपडेटेड Nov 06, 2024 पर 6:48 AM
Business Idea: सर्दी में इस सब्जी की करें खेती, फौरन बन जाएंगे लखपति, सेहत भी रहेगी चकाचक
Business Idea Radish Farming: मूली की फसल सिर्फ 40 दिन में तैयार हो जाती है। ठंड के मौसम में इसकी डिमांड भी बढ़ जाती है।

भारत में पारंपरिक फसलों की जगह किसान बागवानी फसलों पर इन दिनों ज्यादा ध्यान दे रहे हैं। वहीं कम समय में अच्छा उत्पादन मिलने की वजह से किसानों का फोकस सब्जियों की तरफ भी बढ़ा है। पारंपरिक फसलों में काफी समय लगता है। इस बीच अगर आप खेती के जरिए मोटी कमाई करना चाहते हैं तो ठंड के मौसम में मूली की खेती से मोटी कमाई कर सकते हैं। मूली की फसल बहुत कम समय में तैयार हो जाती है। ठंड के समय में इसकी डिमांड भी बढ़ जाती है।

आमतौर पर मूली की खेती तरह की मिट्टी में उगाई जा सकती है। लेकिन इसकी खेती से अच्छा उत्पादन लेने के लिए रेतीली दोमट मिट्टी बेहतर मानी गई है। उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले के सहेलियां गांव के किसान शेखर यादव मूली की खेती से मोटी कमाई कर रहे हैं। शेखर हर साल मूली की खेती करते हैं। इससे उन्हें एक फसल में 60,000 से 70,000 रुपये तक की कमाई हो जाती है।

मूली की खेती में लागत कम मोटा मुनाफा

लोकल 18 से बातचीत करते हुए शेखर ने बताया कि वो ज्यादातर सब्जियों की खेती करते हैं। इसकी वजह ये है कि सब्जियों में मुनाफा ज्यादा होता है। इस समय हमारे पास करीब दो बीघे में मूली लगी हुई है। मूली की डिमांड बाजार मे हमेशा बनी रहती है। इस खेती में लागत देखी जाए तो बेहद कम है। मुनाफा ज्यादा है। शेखर ने बताया कि अगर लागत की बात करें तो एक बीघे में 2,000 रुपये लागत आती है। मुनाफा इसमें करीब 60,000 से 70,000 रुपये पहुंच जाता है। मूली की खेती के लिए सबसे पहले इसे 3 से 4 बार जुताई की जाती है। फिर खेत से खरपतवार निकालने के बाद मिट्टी की मोटी लाइन बनाई जाती है। इन लाइनों के ऊपर मूली के बीज बोए जाते हैं। पौधे निकलने के करीब एक हफ्ते बाद सिंचाई शुरू हो जाती है।

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