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Dairy Animals: दुधारू पशु खरीदने से पहले जानें ये जरूरी बातें, नहीं तो होगा लाखों का नुकसान

Dairy Animals: पशुपालन में सफलता के लिए सही गाय-भैंस का चुनाव जरूरी है। अच्छी नस्ल, सही उम्र और प्रजनन क्षमता वाले पशु ज्यादा दूध देते हैं। दूध की गुणवत्ता और क्षेत्र की जलवायु के हिसाब से पशु चुनें। शांत स्वभाव वाले पशु को संभालना आसान होता है। सही देखभाल से ये व्यवसाय फायदेमंद बन सकता है

अपडेटेड Jan 15, 2025 पर 12:24 PM
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Dairy Animals: पशुपालन में नस्ल का सही चयन बेहद जरूरी है।

पशुपालन एक ऐसा व्यवसाय है, जो ग्रामीण इलाकों में ही नहीं, बल्कि शहरों में भी तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। ये न केवल दूध उत्पादन का मुख्य साधन है, बल्कि खाद और कृषि से जुड़े अन्य फायदे भी देता है। अगर इसे सही तरीके से किया जाए, तो यह आय बढ़ाने का एक अच्छा साधन बन सकता है। इसके लिए जरूरी है कि दुधारू पशुओं का सही चयन किया जाए। पशु खरीदते समय उनकी नस्ल, उम्र, प्रजनन क्षमता और दूध की गुणवत्ता पर ध्यान देना चाहिए।

अपने क्षेत्र की जलवायु और वातावरण के अनुसार पशु का चुनाव करना भी जरूरी है, ताकि वे स्वस्थ रहें और अच्छा उत्पादन कर सकें। सही जानकारी और देखभाल से पशुपालन को न केवल सफल, बल्कि एक लंबे समय तक चलने वाला लाभदायक व्यवसाय बनाया जा सकता है।

पशु की नस्ल का महत्व


पशुपालन में नस्ल का सही चयन बेहद जरूरी है। उन्नत नस्लें जैसे मुर्रा भैंस, जर्सी गाय, साहिवाल या होल्स्टीन फ्रिजियन गाय अधिक दूध उत्पादन के लिए जानी जाती हैं। इन नस्लों को उनकी उत्पादकता और अनुकूलता के आधार पर चुना जाना चाहिए। अच्छी नस्ल की गाय-भैंस ज्यादा दूध देती हैं और उनकी देखभाल करना भी आसान होता है।

आयु का ध्यान क्यों जरूरी है?

पशु की उम्र उसके दूध उत्पादन की क्षमता और देखभाल की जरूरतों को सीधे प्रभावित करती है। तीन से छह साल की आयु के पशु सबसे अच्छे माने जाते हैं। युवा पशुओं को दूध उत्पादन के लिए तैयार होने में समय लगता है, जबकि बूढ़े पशु कम दूध देते हैं और उनकी देखभाल महंगी पड़ सकती है।

प्रजनन क्षमता और उसका प्रभाव

पशु की प्रजनन क्षमता उसकी उत्पादकता का एक महत्वपूर्ण पहलू है। अच्छी प्रजनन क्षमता वाले पशु लंबे समय तक ज्यादा दूध उत्पादन करते हैं। इसके अलावा, उनके बच्चों की गुणवत्ता भी बेहतर होती है, जो भविष्य में व्यवसाय को और मजबूत बना सकती है।

दूध की गुणवत्ता और मात्रा

दुधारू पशु की दूध उत्पादन क्षमता उसकी गुणवत्ता के साथ-साथ उसकी मार्केट रेट को भी प्रभावित करती है। दूध में फैट, प्रोटीन और एसएनएफ (सॉलिड्स नॉट फैट) की मात्रा इसकी गुणवत्ता निर्धारित करती है। बाजार में उच्च गुणवत्ता वाले दूध की मांग और कीमत अधिक होती है।

जलवायु के मुताबिक नस्ल का चयन

पशु का चयन करते समय उस क्षेत्र की जलवायु का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। स्थानीय जलवायु में अनुकूल नस्लें कम बीमार पड़ती हैं और अधिक उत्पादक होती हैं। उदाहरण के लिए, गर्म क्षेत्रों के लिए साहिवाल और गिर नस्लें अच्छी मानी जाती हैं।

स्वभाव और व्यवहार का महत्व

पशु का स्वभाव उसके पालन और प्रबंधन को आसान या कठिन बना सकता है। शांत और आज्ञाकारी स्वभाव वाले पशु को संभालना सरल होता है, जबकि आक्रामक और चिड़चिड़े स्वभाव वाले पशु के साथ यह चुनौतीपूर्ण हो सकता है। ऐसे पशु को पालना न केवल कठिन होता है, बल्कि यह दूध उत्पादन पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।

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