Electricity Bills Hiked in UP: आम आदमी को लगेगा महंगाई का करंट, यूपी में 30% तक महंगी हो सकती है बिजली

Electricity Bills Hiked in UP: यूपी में जल्द ही बिजली की दरें 30 फीसदी तक बढ़ सकती हैं। बिजली कंपनियों ने 2025-26 के लिए विद्युत नियामक आयोग को एक प्रस्ताव भेजा है। इसमें भारी घाटा दिखाया गया है। इसकी भरपाई के लिए आयोग से गुहार लगाई गई है। अगर आयोग ने इस पर मंजूरी दी तो बिजली दरें 30 फीसदी तक बढ़ सकती है

अपडेटेड May 20, 2025 पर 10:55 AM
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Electricity Bills Hiked in UP: मौजूदा बिजली दर से 19,600 करोड़ रुपये घटने का अनुमान लगाया है

Electricity Bills Hiked in UP: उत्तर प्रदेश में जल्द ही आम लोगों को महंगाई का झटका लगने वाला है। उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPPCL) बिजली की दरों में 30 प्रतिशत की वृद्धि करने की योजना बना रहा है। खबरों की मानें तो यूपी में जल्द ही बिजली की दरें 30 फीसदी तक बढ़ सकती हैं। बिजली कंपनियों ने 2025-26 के लिए विद्युत नियामक आयोग को एक प्रस्ताव भेजा है। इसमें भारी घाटा दिखाया गया है। इसकी भरपाई के लिए आयोग से गुहार लगाई गई है। अगर आयोग ने इस पर मंजूरी दी तो बिजली दरें 30 फीसदी तक बढ़ सकती है।

रिपोर्ट के मुताबिक, बिजली कंपनियों ने बढ़ते खर्चे को देखते हुए मौजूदा बिजली दर से 19,600 करोड़ रुपये घटने का अनुमान लगाया है। वास्तविक आय-व्यय के आधार पर निकाले गए घाटे की भरपाई के लिए इलेक्ट्रिक कंपनियां वर्तमान बिजली की दरों में रिकार्ड 30 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी चाहती हैं। नियामक आयोग से मांग की है कि पावर कार्पोरेशन की स्थिति देखते हुए दरों में बढ़ोतरी पर विचार करना चाहिए।

अधिकारियों ने दावा किया कि पिछले करीब पांच साल से यूपी में बिजली दरों में कोई बढ़ोत्तरी नहीं हुई है। इसकी वजह से राजस्व घाटा 12.4 फीसदी बढ़ गया है। UPPCL ने विद्युत नियामक आयोग में आंकड़े पेश करते हुए कहा है कि वह अब और घाटा सहन नहीं कर सकता।


उन्होंने कहा कि अब तक बिजली कंपनियों के खर्चे और कमाई को देखते हुए निकलने वाले राजस्व गैप के आधार पर बिजली की दरों को तय किया जा रहा है। लेकिन बिजली कंपनियों का कहना है कि वास्तव में शत-प्रतिशत बिजली के बिल की वसूली कभी नहीं हो पाती है।

अधिकारियों के मुताबिक, वित्तीय वर्ष 2024-25 में विद्युत कंपनियों के बिजली बिलों की वसूली 88 प्रतिशत ही हो पाई है। इसकी वजह से यूपी सरकार की तरफ से दी गई सब्सिडी के बाद भी यह गैप साल 2023-24 के 4,378 करोड़ रुपए से बढ़कर 13,542 करोड़ हो गया है।

इसी तरह इस वित्तीय वर्ष 2025-26 में भी उत्तर प्रदेश सरकार से सब्सिडी मिलने के बाद भी यह घाटा बढ़कर 19,600 करोड़ होने की आशंका है। इस घाटे की भरपाई के लिए मौजूदा बिजली की दरों में लगभग 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी करने की मांग की गई है।

बिजली विभाग के मुताबिक, राज्य में करीब 10 प्रतिशत ट्रांसफार्मर खराब चल रहे हैं। वसूली अभियान चलाने के बाद भी 54.24 लाख उपभोक्ताओं ने एक बार भी बिजली बिल का भुगतान नहीं किया है। इन सभी उपभोक्ताओं पर 36,353 करोड़ रुपए बकाया है।

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रिपोर्ट के मुताबिक, 78.65 लाख लोगों ने पिछले छह महीन से बिजली बिल का भुगतान नहीं किया है। इन पर भी 36,117 करोड़ रुपए बिजली का बिल बकाया है। इससे कॉरपोरेशन का घाटा लगातार बढ़ता जा रहा है। दूसरी तरफ बिजली दरें बढ़ाने का विरोध भी शुरू हो गया है। ऊर्जा और उपभोक्ता संगठनों ने निजी घरानों को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया है।

MoneyControl News

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First Published: May 20, 2025 10:51 AM

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