PM Vishwakarma Scheme: देश को 'यशोभूमि' की सौगात देने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने वहां मौजूद लोगों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि आज विश्वकर्मा जयंती का खास दिन पारंपरिक करीगरों और शिल्पकारों को समर्पित है। पीएम मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार पीएम विश्वकर्मा योजना (PM Vishwakarma scheme) पर 13,000 करोड़ रुपये खर्च करने जा रही है। उन्होंने कहा कि इस योजना के जरिए कलाकारों और शिल्पकारों को अलग पहचान मिलेगी। प्रधानमंत्री ने इस मौके पर विश्वकर्मा सार्थियों को ट्रेनिंग, टेक्नोलॉजी और टूल्स का मंत्र दिया। उन्होंने कहा कि अब आपकी मार्केटिंग सरकार भी करेगी।
इस दौरान प्रधानमंत्री ने पूरे देश के लोगों को विश्वकर्मा जयंती की शुभकामनाएं भी दीं। उन्होंने कहा कि पीएम विश्वकर्मा योजना की शुरुआत की गई है। यह शिल्पकारों और कलाकारों के लिए आशा की किरण के रूप में उभरेगी। कहा कि समय की मांग है कि इन विश्वकर्मा साथियों को पहचाना जाए और उन्हें सपोर्ट किया जाए।
पीएम विश्वकर्मा योजना में बिना गारंटी के मिलेगा 3 लाख रुपये लोन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह टूल्स मेड इन इंडिया ही होने चाहिए। उन्होंने कहा कि शुरुआत दौर में आपको पैसों को दिक्कत न आए। इसके लिए सरकार आपका ख्याल रखेगी। इस योजना के तहत विश्वकर्मा साथियों को बिना गारंटी मांगे 3 लाख रुपये तक का लोन मिलेगा। पीएम मोदी ने कहा कि जब बैंक आपसे गारंटी नहीं मांगती है तो आपकी गारंटी मोदी देता है। दरअसल, पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत 5 फीसदी की ब्याज दर के साथ 1 लाख रुपये पहली किश्त, दो लाख रुपये दूसरी किश्त के तौर पर लोगों को लोन दिया जाएगा। इसके साथ ही कारीगरों को बेसिक और एडवांस ट्रेनिंग भी मुहैया कराई जाएगी। योजना के लाभार्थियों को 15,000 रुपये के टूलकिट भी मुहैया कराए जाएंगे। इसके अलावा लाभार्थियों को स्किल ट्रेनिंग दी जाएगी। इस दौरान रोजाना 500 रुपये दिए जाएंगे।
विश्वकर्मा साथियों को मिलेगी पहचान
पीएम मोदी ने कहा कि भारत के लोकल प्रोडक्ट को ग्लोबल बनाने में विश्वकर्मा योजना अहम भूमिका निभाएगी। जैसे शरीर में रीढ़ की हड्डी होती है वैसे ही सामाजिक जीवन में विश्वकर्मा साथियों की अहम भूमिका होती है। इनके बिना रोजमर्रा की जिंदगी की कल्पना भी मुश्किल है। फ्रिज के इस दौर में भी लोगों को मटके और सुराही का पानी पसंद है। समय की मांग है कि इन साथियों को पहचान और सपोर्ट मिले। इस योजना में 18 अलग-अलग तरह के काम करने वाले विश्वकर्मा सार्थियों पर फोकस किया गया है।