Home Loan EMI: रेपो रेट कट के बाद कितनी घटेगी EMI? समझिए होम लोन का नया हिसाब
Home Loan EMI: RBI के 25 bps रेट कट के बाद होम लोन की ब्याज दर में बड़ी कमी आ सकती है। इससे EMI में राहत मिलेगी और 20 लाख से 1 करोड़ रुपये के लोन पर लंबी अवधि में बड़ी बचत होगी। घर खरीदना भी आसान हो जाएगा। समझिए पूरा कैलकुलेशन।
होम लोन की कम ब्याज दरें सीधे तौर पर अफोर्डेबिलिटी बढ़ाती हैं।
Home Loan EMI: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने दिसंबर MPC में रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती करते हुए इसे 5.25% कर दिया है। केंद्रीय बैंक साल 2025 में कुल 125 बेसिस पॉइंट की कटौती कर चुका है। इस फैसले के बाद होम लोन की ब्याज दर कम होकर 7.10% तक के ऐतिहासिक स्तर पर आ सकती हैं। यह दर कई निजी बैंकों की फिक्स्ड डिपॉजिट ब्याज दर के बराबर पहुंच जाएगी। इसका मतलब है कि घरेलू कर्ज लंबे समय बाद इतना सस्ता दिख रहा है।
कई सरकारी बैंक फिलहाल 7.35% की दर पर होम लोन दे रहे हैं। इनमें जैसे यूनियन बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ महाराष्ट्र और इंडियन ओवरसीज बैंक शामिल हैं। अगर ये 0.25% के रेपो रेट का पूरा फायदा ग्राहकों को देते हैं, तो ब्याज घटकर 7.10% तक आ सकती है।
होम लोन पर क्या है एक्सपर्ट की राय
BASIC Home Loan के CEO और को-फाउंडर अतुल मोंगा का कहना है कि RBI का रेपो रेट 25 bps घटाने का फैसला होम लोन लेने वालों के लिए बड़ी राहत है। ज्यादातर फ्लोटिंग रेट होम लोन सीधे रेपो रेट से जुड़े होते हैं। इसलिए बैंक जब यह कटौती पास-ऑन करेंगे तो EMI कम होने की उम्मीद है।
मोंगा ने कहा, 'जहां तक संभावित घर खरीदारों का सवाल है, कम ब्याज दरों से लोन अफोर्डेबिलिटी बेहतर होगी और खरीद का फैसला जल्दी लिया जा सकेगा। खासकर मिड-इनकम ग्रुप के लिए। यह कदम हाउसिंग डिमांड बढ़ाएगा और उपभोक्ता भरोसा मजबूत करेगा। GDP आउटलुक में सुधार के साथ, यह पॉलिसी पूरे हाउसिंग इकोसिस्टम के लिए सकारात्मक माहौल तैयार करती है और इनक्लूसिव होम-बाइंग को बढ़ावा देती है।'
होम लोन EMI में कितनी कमी आएगी
अगर बैंक अपनी दरें 7.35% से घटाकर 7.10% कर देते हैं, तो होम लोन ग्राहकों को EMI में राहत मिल सकती है। इसका कैलकुलेशन आप नीचे टेबल में देख सकते हैं। इसमें 20 लाख से 1 करोड़ रुपये के लोन पर EMI में बदलाव का हिसाब लगाया गया है। लोन की अवधि 20 साल मानी गई है।
लोन अमाउंट
EMI पहले (7.35%)
EMI बाद में (7.10%)
हर महीने बचत
20 साल में कुल बचत
₹20 लाख
₹15,928.92
₹15,626.26
₹302.67
₹72,640
₹30 लाख
₹23,893.38
₹23,439.38
₹454.00
₹1,08,960
₹40 लाख
₹31,857.85
₹31,252.51
₹605.33
₹1,45,280
₹50 लाख
₹39,822.31
₹39,065.64
₹756.67
₹1,81,600
₹1 करोड़
₹79,644.62
₹78,131.28
₹1,513.34
₹3,63,200
7.10% की ब्याज दर पर EMI में हर महीने मिलने वाली यह छोटी राहत लंबे समय में काफी बड़ी रकम बन जाती है। उदाहरण के लिए, 1 करोड़ के लोन पर 20 साल में करीब 3.5 से 4 लाख रुपये की बचत हो सकती है।
घर खरीदना होगा थोड़ा आसान
कम ब्याज दरें सीधे तौर पर अफोर्डेबिलिटी बढ़ाती हैं। EMI घटने के बाद वही आय में बड़े घर की क्षमता बढ़ जाती है। यह बदलाव खासकर पहली बार घर खरीदने वालों और मिड-इनकम फैमिलीज को तुरंत असर करता है, जो EMI की वजह से महीनों से फैसलों को टाल रहे थे। ब्याज घटने के बाद उनके लिए लोन लेना आसान होता है। साथ ही, डेवलपर्स के लिए भी लोन की लागत घटने के आसार रहते हैं।
पुराने होम लोन वालों के लिए भी फायदा
जिनका होम लोन अभी भी 8% से 9% ब्याज दर पर चल रहा है, उनके लिए यह समय बैलेंस ट्रांसफर का अच्छा मौका है। नई ब्याज दरों पर लोन शिफ्ट करने से EMI कम हो सकती है और पूरे कार्यकाल में लाखों रुपये की बचत संभव है। EMI घटने से मासिक बजट पर दबाव भी कम होता है और अतिरिक्त खर्च के लिए गुंजाइश बनती है।
रियल एस्टेट सेक्टर में नई रौनक
रेपो रेट कटौती से रियल एस्टेट बाजार में भी तेजी की उम्मीद है। घरों की कीमतें पिछले एक साल में लगभग 10% बढ़ चुकी हैं। ऐसे में EMI में होने वाली छोटी राहत भी खरीदारों के लिए एक बड़ा फर्क पैदा करती है। डेवलपर्स का मानना है कि कम ब्याज दरें खरीदारी के फैसले को तेज करती हैं और मार्केट सेंटिमेंट में सुधार लाती हैं। NCR, मुंबई, पुणे और बेंगलुरु जैसे बड़े शहरों में इसका असर और भी जल्दी दिख सकता है।
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