RBI Rate Cut: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने दिसंबर MPC मीटिंग में रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती का फैसला किया। अब यह 5.25% के स्तर पर आ गई है। इस फैसले से रियल एस्टेट सेक्टर में नई जान आती दिख रही है।
RBI Rate Cut: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने दिसंबर MPC मीटिंग में रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती का फैसला किया। अब यह 5.25% के स्तर पर आ गई है। इस फैसले से रियल एस्टेट सेक्टर में नई जान आती दिख रही है।
डेवलपर्स और प्रॉपर्टी कंसल्टेंट्स का कहना है कि आरबीआई के फैसले आवास की मांग बढ़ने के साथ घर खरीदना कुछ ज्यादा किफायती हो जाएगा। इससे खरीदारों का भरोसा भी मजबूत होगा। एक्सपर्ट के मुताबिक, यह तीसरी दर कटौती ऐसे समय में हुई है जब महंगाई में नरमी और GDP ग्रोथ उम्मीद से बेहतर रही है। इससे प्रॉपर्टी सेल्स के लिए अनुकूल माहौल बन गया है।
बाजार में लौट सकते हैं नए खरीदार
कई जानकारों का मानना है कि कम ब्याज दरें उन लोगों को भी घर खरीदने का निर्णय लेने के लिए प्रेरित कर सकती हैं जो अब तक उधार लेने की ऊंची लागत के कारण हिचक रहे थे। खासकर एंड-यूजर्स और पहली बार घर खरीदने वाले।
BASIC Home Loan के CEO और को-फाउंडर अतुल मोंगा का कहना है कि RBI का 25bps रेपो रेट कटौती का फैसला ग्रोथ सपोर्ट की दिशा में सकारात्मक संकेत है। चूंकि ज्यादातर फ्लोटिंग रेट होम लोन रेपो रेट से जुड़े हैं, इसलिए EMI में कमी की उम्मीद है।
उन्होंने कहा कि बेहतर लोन अफॉर्डेबिलिटी से खासकर मिड-इनकम खरीदारों के फैसले तेज हो सकते हैं। इससे हाउसिंग डिमांड और उपभोक्ता भरोसा बढ़ने की संभावना है। GDP आउटलुक में सुधार के साथ यह पॉलिसी हाउसिंग सेक्टर के लिए सकारात्मक माहौल बनाती है।
रेट कट पर कैसी रहेगी बैंकों की प्रतिक्रिया
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के चीफ इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट डॉ. वी. के. विजयकुमार के मुताबिक, MPC ने मजबूत अर्थव्यवस्था के बावजूद ग्रोथ को और सपोर्ट देने के लिए 25 बेसिस पॉइंट की कटौती की है। फैसले का एकमत से पास होना दिखाता है कि रुपये के कमजोर होने के बावजूद ग्रोथ को बढ़ावा देना फिलहाल बड़ा लक्ष्य है।
उन्होंने कहा कि FY26 के लिए 7.3% GDP ग्रोथ का अनुमान बाजार के लिए अच्छा संकेत है। हालांकि बैंक इस फैसले को सकारात्मक मानेंगे, लेकिन रेट कट से उनके मार्जिन पर दबाव बढ़ सकता है और जमा जुटाने में भी मुश्किलें आ सकती हैं, इसलिए वे बहुत उत्साहित प्रतिक्रिया नहीं देंगे। वहीं, ऑटो और रियल एस्टेट जैसे रेट-सेंसिटिव सेक्टर्स को इस रेट कट का सीधा फायदा मिलने की संभावना है।
लग्जरी सेगमेंट को मिलेगा बढ़ावा
ऑरा वर्ल्ड के फाउंडर और मैनेजिंग डायरेक्टर श्यामरुप रॉय चौधरी के मुताबिक, रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती लग्जरी हाउसिंग सेगमेंट के लिए काफी पॉजिटिव है। रईस खरीदार इसे बड़े निवेश के अवसर के तौर पर देखेंगे। उनका मानना है कि कम ब्याज दरें डेवलपर्स की लिक्विडिटी भी बढ़ाएंगी।
अग्रशील इंफ्राटेक की सीईओ प्रेक्षा सिंह का कहना है कि भारत का रियल एस्टेट बाजार पहले से ही ग्लोबल निवेशकों और NRI कम्युनिटी के लिए आकर्षण का केंद्र है। ब्याज दर में कमी निवेश को और फायदेमंद बनाएगी। स्थिर अर्थव्यवस्था, बढ़ती मांग और कम EMI मिलकर अगले कुछ तिमाहियों में भारत को रियल एस्टेट निवेश के सबसे पसंदीदा बाजाक में बदल सकते हैं।
कृष्णा ग्रुप और क्रिसुमी कॉरपोरेशन के चेयरमैन अशोक कपूर का कहना है कि हाल के महीनों में लग्जरी हाउसिंग सेगमेंट में एंड-यूजर्स की मजबूत मांग दिखी है। इसकी वजह बढ़ती आय और लाइफस्टाइल-केंद्रित घरों की ओर झुकाव है। अब कम ब्याज दरें उन खरीदारों की अफोर्डेबिलिटी और बढ़ाएंगी, जो बेहतर डिजाइन, उच्च गुणवत्ता और लंबे समय तक मूल्य देने वाले घरों में निवेश करना चाहते हैं।
रेट कट से उड़ान भरेगा रियल एस्टेट
भूटानी ग्रुप के सीईओ आशीष भूटानी ने कहा कि कि रेपो रेट में कटौती रियल एस्टेट सेक्टर के लिए एक मजबूत ग्रोथ कैटलिस्ट है। उनके मुताबिक, कम ब्याज दरें सीधे तौर पर घरों की अफोर्डेबिलिटी बढ़ाती हैं, एंड-यूजर डिमांड को मजबूत करती हैं। इस कदम से मार्केट सेंटिमेंट सुधरेगा और सेक्टर की ग्रोथ रफ्तार और तेज होगी।
अमरावती ग्रुप के फाउंडर और चेयरमैन रवि प्रकाश पांडे का कहना है कि कम ब्याज दरें हाउसिंग डिमांड में नई ऊर्जा लाती हैं। इससे खरीदारों का भरोसा बढ़ेगा और डेवलपर्स के साथ-साथ पूरी रियल एस्टेट कम्युनिटी के लिए ग्रोथ के नए अवसर खुलेंगे।
शालीमार कॉर्प के डायरेक्टर कुनाल सेठ के मुताबिक, उधार लेने की लागत कम होने से घर खरीदना पहले से आसान हो गया है। यह रेट कट परिवारों को अपने भविष्य में निवेश करने का बेहतर मौका देती है और रियल एस्टेट सेक्टर को आगे बढ़ने में मदद करती है।
आसान हो सकता है घर खरीदना
व्हाइटलैंड कॉर्पोरेशन के डायरेक्टर-स्ट्रैटेजी सुदीप भट्ट ने कहा कि रेपो रेट को 25 बीपीएस घटाकर 5.25% करना रियल एस्टेट सेक्टर के लिए बड़ा सकारात्मक कदम है। इससे होम लोन सस्ते होंगे, EMI कम होगी और घर खरीदना आसान होगा।
पायनियर अर्बन लैंड एंड इंफ्रास्ट्रक्चर के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट ऋषभ पेरीवाल के मुताबिक, रेट कट से डेवलपर्स को भी कम ब्याज दरों का फायदा मिलेगा, जिससे प्रोजेक्ट शुरू करना और समय पर पूरा करना आसान होगा। कुल मिलाकर, यह फैसला खरीदारों का भरोसा बढ़ाएगा और रियल एस्टेट सेक्टर की ग्रोथ को और मजबूत करेगा।
न्यूस्टोन के सीईओ रजत बोकोलिया का कहना है कि रेट कट लोगों के पास पहले से होम लोन है, उन्हें भी फायदा मिलेगा। EMI कम होने से पुराने लोन को रीफाइनेंस करना और भी सुविधाजनक हो जाएगा। कुल मिलाकर, यह रियल एस्टेट सेक्टर के सेंटीमेंट को बेहतर करेगा।
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