भारत में टमाटर की खेती बड़े स्तर पर होती है। कई किसान टमाटर की खेती कर बड़ा मुनाफा कमाते हैं। कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, गुजरात, उत्तराखंड, झारखंड, मध्य प्रदेश, हरियाणा और उत्तर प्रदेश समेत लगभग सभी राज्यों में टमाटर की खेती की जाती है। लेकिन महाराष्ट्र का सतारा एक ऐसा जिला है, जहां टमाटर की बंपर पैदावार होती है। सतारा जिले के ताड़वाले गांव की करीब 90 फीसदी आबादी टमाटर की खेती करती है। यह गांव साल भर में 15 करोड़ रुपये से ज्यादा के टमाटर बेच देते हैं। मौजूदा समय में ताड़वाले गांव के किसान सामूहिक रूप से मुंबई, पुणे के बाजार समिति में थोक विक्रेताओं से बात करके अपनी कीमतें तय करते हैं।
टमाटर एक ऐसा खाद्य पदार्थ है, जिसके बगैर हम सवादिष्ट सब्जी की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं। किसी भी सब्जी में टमाटर डालने से उसका जायका लाजवाब हो जाता है। उसमें थोड़ा खट्टापन आ जाता है। ऐसे टमाटर की चटनी, टमाटर का सलाद और टमाटर का अचार भी लोग बड़े ही चाव के साथ खाते हैं। टमाटर में विटामिन K, विटामिन A, विटामिन C, फास्फोरस, मैग्नीशियम, तांबा, पोटेशियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है। टमाटर खाने से ब्लड सर्कुलेशन ठीक रहता है।
ताड़वाले गांव में टमाटर की बंपर पैदावार
सतारा जिले का ताड़वाले गांव महाराष्ट्र में टमाटर गांव के नाम से मशहूर है। इस गांव में 200 एकड़ से ज्यादा जमीन पर टमाटर उगाए जाते हैं। गांव में टमाटर की बंपर पैदावार होती है। टमाटर की यह खेती युवा किसान मिलकर करते हैं। गांव की करीब 80 फीसदी आबादी टमाटर की खेती करती है। अन्य फसलों के मुताबिक, टमाटर की फसल जल्दी घर आ जाती है। किसान सचिन जांजर्न ने लोकल 18 से बातचीत करते हुए कहा कि दूसरा काम करने पर कम पैसे कमा पाएंगे। वहीं टमाटर की खेती करने पर कम समय अच्छी कमाई हो जाती है। ऐसे में यहां के ज्यादातर युवा किसान टमाटर की खेती की तरफ ज्यादा ध्यान दे रहे हैं।
ताड़वाले गांव से सालाना 15 करोड़ की बिक्री
गांव के किसानों का कहना है कि टमाटर हमारा है, लिहाजा इसके दाम भी हम ही तय करेंगे। गांव से साल भर में हजारों टन टमाटर की बिक्री होती है। ऐसे में हर साल यहां से करीब 15 करोड़ रुपये के टमाटर बिक जाते हैं।