टेलीकॉम रेगुलेटर ट्राई आज सैटेलाइट स्पेक्ट्रम आवंटन की शर्तों पर सभी स्टेकहोल्डर्स के साथ बैठक कर रहा है। सेटेलाइट स्पेक्ट्रम को लेकर टेलीकॉम कंपनियां और एलन मस्क की कंपनी स्टारलिंक आमने सामने है। टेलीकॉम कंपनियां स्पेक्ट्रम की नीलामी चाहती है। लेकिन स्टारलिंक आवंटन की मांग कर रही है। इस खबर पर ज्यादा डिटेल के साथ असीम मनचंदा ने बताया कि सैटेलाइट स्पेक्ट्रम पर घमासान मचा हुआ टेलीकॉम रेगुलेटर TRAI की आज स्टेकहोल्डर्स के साथ इस मुद्दे पर बैठक हो रही है। TRAI स्टेकहोल्डर्स के साथ बैठक के बाद अपनी सिफारिशें देगी।
सैटेलाइट स्पेक्ट्रम पर टेलीकॉम कंपनियां और स्टारलिंक आमने-सामने
असीम ने बताया कि सैटेलाइट स्पेक्ट्रम पर टेलीकॉम कंपनियां और स्टारलिंक आमने-सामने हैं। एयरटेल, जियो और वोडाफोन आइडिया ने नीलामी की मांग की है। टेलीकॉम कंपनियों का कहना है कि नीलामी नहीं होना लेवल प्लेइंग फील्ड की खिलाफ है। ISpA (इंडियन स्पेस एसोसिएशन ) ने बड़ी कंपनियों की कीमतों पर चेक रखने की मांग की है। विदेशी कंपनियों स्टारलिंक और Kuiper ने आवंटन की मांग की है। एलन मस्क ने X पर कहा नीलामी नहीं होना 'आशाजनक' होगा। बता दें कि सरकार का दिसंबर अंत तक स्पेक्ट्रम आवंटन का लक्ष्य है।
मस्क की स्टारलिंक और अमेजन के प्रोजेक्ट कुइपर जैसे ग्लोबल प्रतिस्पर्धियों ने प्रशासनिक आवंटन का समर्थन किया है। अंबानी की रिलायंस जियो नीलामी के जरिये ऐसे स्पेक्ट्रम के आवंटन पर जोर दे रही है, ताकि उन पुराने ऑपरेटरों को समान अवसर उपलब्ध कराया जा सके जो स्पेक्ट्रम खरीदते हैं, टेलीकॉम टावर जैसे बुनियादी ढांचे की स्थापना करते हैं। वहीं मित्तल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में पिछले महीने उद्योग जगत के एक समारोह में ऐसे आवंटन के लिए बोली लगाने की जरूरत पर जोर दिया था। जियो और मित्तल की भारती एयरटेल भारत की पहले और दूसरे नंबर की दूरसंचार कंपनियां हैं।