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Corporate Bonds: कॉर्पोरेट बॉन्ड्स में निवेश करने में कितना रिस्क है, क्या आपको इसमें निवेश करना चाहिए?

एनालिस्ट्स का कहना है कि कॉर्पोरेट बॉन्ड मार्केट 2020 में सेबी के रिक्वेस्ट फॉर कोट (RFQ) प्रोटोकॉल लागू करने के बाद 10 गुना बढ़ा है। इससे कॉर्पोरेट बॉन्ड मार्केट में पारदर्शिता आई है और डिजिटल ट्रेडिंग को बढ़ावा मिला है

MoneyControl Newsअपडेटेड Nov 08, 2025 पर 4:40 PM
Corporate Bonds: कॉर्पोरेट बॉन्ड्स में निवेश करने में कितना रिस्क है, क्या आपको इसमें निवेश करना चाहिए?
एक्सपर्ट्स का कहना है कि शॉर्ट टर्म मैच्योरिटी यानी 5 साल तक की मैच्योरिटी वाले कॉर्पोरेट बॉन्ड्स में अच्छा रिटर्न मिलता है।

कॉर्पोरेट्स बॉन्ड्स में निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ रही है। ऐसे इनवेस्टर्स कंपनियों के बॉन्ड्स में निवेश कर रहे हैं, जो थोड़े रिस्क के साथ ट्रेडिशनल फिक्स्ड-इनकम के मुकाबले ज्यादा रिटर्न चाहते हैं। कंपनियां बिजनेस के लिए फंड जुटाने के वास्ते कॉर्पोरेट बॉन्ड्स का इस्तेमाल करती हैं। कॉर्पोरेट बॉन्ड्स सेबी के रेगुलेशन के तहत आते हैं। कॉर्पोरेट बॉन्ड्स में निवेश करने वाले इनवेस्टर्स को सालाना इंटरेस्ट मिलता है।

2020 के बाद से 10 गुना बढ़ा है कॉर्पोरेट बॉन्ड्स मार्केट

एनालिस्ट्स का कहना है कि कॉर्पोरेट बॉन्ड मार्केट 2020 में सेबी के रिक्वेस्ट फॉर कोट (RFQ) प्रोटोकॉल लागू करने के बाद 10 गुना बढ़ा है। इससे कॉर्पोरेट बॉन्ड मार्केट में पारदर्शिता आई है और डिजिटल ट्रेडिंग को बढ़ावा मिला है। कुछ कॉर्पोरेट बॉन्ड्स की यील्ड काफी ज्यादा है। ये निवेशकों को 9-14 फीसदी तक रिटर्न ऑफर करते है। हालांकि, एनालिस्ट्स का कहना है कि कॉर्पोरेट्स बॉन्ड्स में निवेश का फैसला सिर्फ रिटर्न को देखकर नहीं लिया जा सकता।

निवेश से पहले पूरी तरह रिसर्च जरूर करें

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