Credit Card vs Personal Loan: क्रेडिट कार्ड या पर्सनल लोन, इमरजेंसी में किसका करें इस्तेमाल?

Credit Card vs Personal Loan: इमरजेंसी में पैसों की जरूरत पड़ने पर क्या क्रेडिट कार्ड ही सही है या पर्सनल लोन ज्यादा समझदारी वाला फैसला होगा? दोनों में फर्क सिर्फ ब्याज का नहीं, आपकी फाइनेंशियल सेहत पर भी असर डाल सकता है। जानिए आपके लिए कौन-सा विकल्प रहेगा सही।

अपडेटेड Jul 19, 2025 पर 11:03 PM
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पर्सनल लोन में आपको तय EMI के रूप में हर महीने पैसा चुकाना होता है।

Credit Card vs Personal Loan: पैसों की अचानक जरूरत पड़ना आम बात है। मेडिकल इमरजेंसी हो, बच्चों की फीस भरनी हो या घर में किसी जरूरी काम के लिए फंड चाहिए हो। अगर आपने पहले से इमरजेंसी फंड तैयार नहीं किया है, तो आपके पास दो ही आसान विकल्प होते हैं- क्रेडिट कार्ड या पर्सनल लोन।

दोनों ही बिना किसी गारंटी या गिरवी के मिलने वाले अनसिक्योर्ड लोन होते हैं। लेकिन इनमें से कौन-सा विकल्प आपके लिए सही रहेगा, यह आपकी जरूरत, समय और चुकाने की क्षमता पर निर्भर करता है।

क्रेडिट कार्ड का यूज कब सही?


अब क्रेडिट कार्ड सिर्फ शॉपिंग या बिल भरने का ही जरिया नहीं रह गया है। आप इससे स्कूल की फीस, रेंट या किसी मेडिकल खर्च का भुगतान भी कर सकते हैं। क्रेडिट कार्ड के जरिए आप ATM से कैश भी निकाल सकते हैं। हालांकि, इस पर भारी ब्याज और कैश विड्रॉल चार्ज देना पड़ता है।

क्रेडिट कार्ड का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आपको एक तय समय तक ब्याज नहीं देना होता। आमतौर पर यह ग्रेस पीरियड 30 से 45 दिन का होता है। अगर आप इस समय सीमा के भीतर बकाया चुका देते हैं, तो कोई ब्याज नहीं लगता। साथ ही, कार्ड पर मिलने वाले रिवॉर्ड पॉइंट्स, कैशबैक, डिस्काउंट और गिफ्ट वाउचर्स जैसे फायदे भी हैं। ये बेनिफिट पर्सनल लोन में नहीं मिलते।

हालांकि, क्रेडिट के साथ जोखिम भी है। अगर आप समय पर पेमेंट नहीं करने पर क्रेडिट कार्ड पर ब्याज दर बहुत ज्यादा होती हैं। कई बार 36% सालाना या उससे अधिक। साथ ही, अगर आप जरूरत से ज्यादा खर्च करते हैं और समय पर भुगतान नहीं कर पाते, तो आप कर्ज के जाल में भी फंस सकते हैं।

पर्सनल लोन के फायदे और नुकसान

अगर आपको एकमुश्त बड़ी रकम की जरूरत है- जैसे 1 लाख या उससे ज्यादा तो पर्सनल लोन एक मजबूत विकल्प बन सकता है। यह लोन आमतौर पर बैंक या NBFC आपकी इनकम, क्रेडिट स्कोर और नौकरी की स्थिति देखकर मंजूर करते हैं। एक बार प्रोसेसिंग पूरी हो जाए, तो रकम सीधे आपके खाते में आ जाती है।

पर्सनल लोन में आपको तय EMI के रूप में हर महीने पैसा चुकाना होता है। इसकी अवधि 12 महीने से लेकर 60 महीने तक हो सकती है, जिसे आप अपनी जरूरत के हिसाब से चुन सकते हैं। हालांकि, इसकी ब्याज दरें होम लोन या गोल्ड लोन से ज्यादा होती हैं, अक्सर 11% से 24% सालाना तक। साथ ही, कुछ बैंक प्री-पेमेंट पर पेनल्टी और प्रोसेसिंग फीस भी वसूलते हैं।

कब कौन-सा विकल्प सही रहेगा?

प्वाइंट क्रेडिट कार्ड पर्सनल लोन
रकम लिमिट के अंदर खर्च ₹50,000 से ₹25 लाख तक
ब्याज ग्रेस पीरियड के बाद 30–42% सालाना 10–24% सालाना
पैसे मिलने का समय तुरंत (खर्च करते समय) 1–3 दिन में खाते में
चुकाने का तरीका मिनिमम अमाउंट या पूरा भुगतान तय EMI हर महीने
कब इस्तेमाल करें? छोटी और तुरंत जरूरतों के लिए
बड़ी रकम और लंबी अवधि के लिए

अगर आपकी जरूरत 20,000–30,000 रुपये जैसी छोटी रकम की है और आप अगले एक-दो महीने में उसे चुका सकते हैं, तो क्रेडिट कार्ड ज्यादा सुविधाजनक साबित होगा। इसके फायदे भी मिलेंगे और प्रोसेस भी आसान है। लेकिन ध्यान रहे कि समय पर पूरा भुगतान करना जरूरी है, वरना ब्याज काफी बढ़ सकता है।

वहीं, अगर ज्यादा रकम चाहिए और भुगतान लंबी अवधि में करना है- जैसे मेडिकल ट्रीटमेंट, शादी या कोई बड़ा खर्च तो पर्सनल लोन लेना बेहतर होगा। इसे आप EMI के जरिए धीरे-धीरे कर्ज चुका सकते हैं, और मासिक किस्त अपनी इनकम के हिसाब से तय कर सकते हैं।

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Suneel Kumar

Suneel Kumar

Tags: #loan

First Published: Jul 19, 2025 11:02 PM

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